Satna: हाईकोर्ट ने थाना प्रभारी को सुनाई ईको-फ्रेंडली सजा, लगाने होंगे 1000 फलदार पौधे

मध्य प्रदेश हाई कोर्ट ने सतना के थाना प्रभारी को अदालती आदेश की अवहेलना पर सजा देते हुए 1000 फलदार पौधे लगाने और उनकी देखभाल करने का आदेश दिया है. इस निर्णय को पर्यावरण संरक्षण के संदेश के रूप में देखा जा रहा है, जिसमें पौधारोपण की निगरानी के लिए फोटो और जीपीएस लोकेशन भी देना अनिवार्य किया गया है.

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Kuldeep Sharma

सतना के थाना प्रभारी को एमपी हाईकोर्ट ने अनोखी सजा सुनाई है. कोर्ट ने अदालती आदेश की अवहेलना मामने में थाना प्रभारी को 1000 फलदार पौधे लगाने का आदेश जारी किया है. दरअसल सतना जिले में एक दुष्कर्म मामले में हाई कोर्ट द्वारा पीड़िता को नोटिस जारी किया गया था, जिसे थाना प्रभारी रविंद्र द्विवेदी को तामील कराना था. लेकिन समय पर कार्रवाई न नहीं हुई, जिस पर हाई कोर्ट की डबल बेंच ने नाराजगी जताई. जिसके बाद प्रभारी ने अपनी गलती मानी और माफी भी मांगी, जिसके बाद अदालत ने उन्हें पर्यावरणीय दंड देते हुए पौधारोपण का निर्देश दिया है.

दो महीने में लगाने होंगे 1000 फलदार पौधे

हाई कोर्ट ने आदेश दिया है कि थाना प्रभारी 1 जुलाई से 31 अगस्त 2025 तक चित्रकूट क्षेत्र में आम, अमरूद, जामुन जैसे फलदार पौधे लगाएं और एक साल तक उनकी देखभाल भी करें. साथ ही यह भी कहा है कि उन्हें पौधों की तस्वीरें और जीपीएस लोकेशन कोर्ट को भेजनी होंगी. मामले में थाना प्रभारी नेकहा कि वे खुद पर लगे ₹5000 का जुर्माना भी भरेंगे और कोर्ट के आदेश का पालन करते हुए 1000 फलदार पौधे भी लगाएंगे.

16 सितंबर को होगी अगली सुनवाई

हाई कोर्ट ने सतना के एसपी को निर्देशित किया है कि वे पौधारोपण स्थल का निरीक्षण करें और उसकी रिपोर्ट अगली सुनवाई में प्रस्तुत करें, जो 16 सितंबर को तय की गई है. इस फैसले को एक मिसाल के रूप में देखा जा रहा है, जिसमें सजा के साथ-साथ समाज और पर्यावरण के प्रति जिम्मेदारी का भी संदेश है.