IAS Sanskriti Jain: भारतीय प्रशासनिक सेवा (आईएएस) में तबादले आम बात हैं, लेकिन कुछ अधिकारी अपनी कार्यशैली और जनसंपर्क के ज़रिए अमिट छाप छोड़ जाते हैं. आईएएस अधिकारी संस्कृति जैन, जिन्हें सिवनी जिले से विदाई के समय स्थानीय लोगों और कर्मचारियों ने एक अनोखी और भावुक विदाई दी, इसका उदाहरण हैं.
2015 बैच की यह तेज तर्रार अधिकारी सिवनी में लगभग एक वर्ष तक कलेक्टर रहीं. हाल ही में मध्यप्रदेश सरकार द्वारा किए गए प्रशासनिक फेरबदल में 12 ज़िलों के कलेक्टरों का तबादला किया गया, जिनमें संस्कृति जैन का नाम भी शामिल है. अब उन्हें भोपाल नगर निगम की आयुक्त और मध्यप्रदेश मेट्रो रेल कॉर्पोरेशन लिमिटेड की अतिरिक्त प्रबंध निदेशक का दायित्व सौंपा गया है.
प्रशासनिक दक्षता के लिए जानी गईं संस्कृति जैन
सिवनी में अपने कार्यकाल के दौरान संस्कृति जैन ने न केवल प्रशासनिक कार्यों में पारदर्शिता और तत्परता दिखाई, बल्कि आम जनता से संवाद और जुड़ाव पर भी विशेष ध्यान दिया. उनकी सुलभता, संवेदनशीलता और प्रभावी नेतृत्व शैली ने उन्हें जनता के बीच लोकप्रिय बना दिया.
पालकी में सवार होकर चलीं कलेक्टर साहिबा: ये हैं सिवनी कलेक्टर संस्कृति जैन. जिनको भोपाल नगर का कमिश्नर बनाया गया है. जिनकी सिवनी से विदाई पालकी में बैठाकर अनोखे अंदाज में की गई...! pic.twitter.com/fSMmIorN7Y
— Rupesh Mishra (@rupeshmishramp) October 5, 2025
उनके कार्यकाल में ज़िले में कई विकासात्मक और सामाजिक योजनाओं को प्रभावी ढंग से लागू किया गया. यही कारण रहा कि जब उनके तबादले की सूचना आई, तो स्थानीय लोगों और कर्मचारियों के बीच भावनात्मक माहौल बन गया.
विदाई समारोह के दौरान का दृश्य किसी फिल्म के दृश्य से कम नहीं था. उनके सम्मान में आयोजित समारोह और विदाई पार्टी के बाद, सहकर्मियों और कर्मचारियों ने उन्हें एक सजाई हुई पालकी में बैठाकर विदाई दी. इस दौरान उनके साथ उनकी दो छोटी बेटियाँ भी थीं. पृष्ठभूमि में हिंदी फ़िल्म का गीत “पालकी में होकर सवार चली…” बज रहा था, जिससे माहौल भावनाओं से भर गया.
इस अनोखे पल का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो गया, जिसमें लोग उनके प्रति अपने स्नेह और सम्मान को खुलकर व्यक्त कर रहे हैं. नेटिज़न्स ने भी इस विदाई को “दिल को छू लेने वाला पल” बताया.
संस्कृति जैन का जीवन और प्रशासनिक सफर
14 फरवरी 1989 को श्रीनगर में जन्मीं IAS संस्कृति जैन का बचपन देश के अलग-अलग हिस्सों में बीता. उनके पिता भारतीय वायुसेना में फाइटर पायलट थे और माता मेडिकल कॉर्प्स में कार्यरत रहीं. उन्होंने गोवा से स्नातक की पढ़ाई पूरी की और इसके बाद LAMP फेलोशिप प्राप्त की. दिलचस्प बात यह है कि उन्होंने UPSC परीक्षा केवल मित्रों के सुझाव पर “मज़े में” दी थी, और पहले ही प्रयास में सफल हो गईं.
दूसरे प्रयास में उन्हें भारतीय राजस्व सेवा (IRS) में चयन मिला और तीसरे प्रयास में उन्होंने संपूर्ण भारत में 11वीं रैंक प्राप्त कर IAS बनीं. मध्यप्रदेश कैडर की यह अधिकारी पहले रीवा नगर निगम आयुक्त, सतना की अतिरिक्त कलेक्टर, मऊगंज की SDM, और अलीराजपुर व नर्मदापुरम की जिला पंचायत CEO रह चुकी हैं.
सिवनी में संस्कृति जैन की विदाई केवल एक प्रशासनिक घटना नहीं, बल्कि जनता और अधिकारी के बीच बने विश्वास और भावनात्मक संबंध का प्रतीक बन गई. उनकी कार्यशैली, संवेदनशीलता और सादगी ने उन्हें जनता के दिलों में एक स्थायी स्थान दिलाया है. अब जब वे भोपाल में नई जिम्मेदारियों का निर्वहन करेंगी, तो सिवनी की जनता उनकी यादों को लंबे समय तक संजोए रखेगी.