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ग्वालियर में धारा 163 लागू, नियम तोड़ने पर मिलेगी कड़ी सजा; जानें क्या है इस फैसले की वजह

Gwalior News: ग्वालियर हाई कोर्ट में अंबेडकर प्रतिमा लगाने की मांग पर विवाद बढ़ गया है. वकीलों ने आंदोलन की चेतावनी दी, जिससे हालात गंभीर हो गए. जिला कलेक्टर ने धारा 163 लागू कर दी है, जिसके तहत अब बिना अनुमति कोई भी प्रदर्शन, रैली या सभा आयोजित नहीं की जा सकेगी.

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Edited By: Princy Sharma
Section 163 In Gwalior
Courtesy: Social Media

Section 163 In Gwalior: ग्वालियर हाई कोर्ट परिसर में डॉ. भीमराव अंबेडकर की प्रतिमा लगाने की मांग को लेकर मामला गर्मा गया है. हाल ही में इस मुद्दे पर एक प्रेस कॉन्फ्रेंस की गई, जिसमें वकीलों और सामाजिक कार्यकर्ताओं ने बड़ा आंदोलन करने की चेतावनी दी. उनका कहना था कि अगर मांगें नहीं मानी गईं तो देशभर के वकील सड़कों पर उतरेंगे.

स्थिति की गंभीरता को देखते हुए ग्वालियर के जिला कलेक्टर ने तुरंत कार्रवाई की और जिले में धारा 163 लागू कर दी है. इस धारा के तहत अब बिना अनुमति के कोई भी धरना, प्रदर्शन, रैली, जुलूस या सार्वजनिक कार्यक्रम आयोजित नहीं किया जा सकता.

सोशल मीडिया पर भी निगरानी

कलेक्टर के आदेश में यह भी स्पष्ट किया गया है कि अब फेसबुक, व्हाट्सऐप, इंस्टाग्राम और एक्स (ट्विटर) जैसे सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर कोई भड़काऊ, झूठी या समाज को बांटने वाली पोस्ट डालना या फॉरवर्ड करना भी सख्त रूप से प्रतिबंधित रहेगा. यदि कोई व्यक्ति ऐसा करता पाया गया, तो कानूनी कार्रवाई की जाएगी.

क्यों लिया गया यह फैसला?

कलेक्टर ने कहा कि आने वाले समय में जिले में कई धार्मिक, सामाजिक और राजनीतिक कार्यक्रम होने वाले हैं. इन आयोजनों में भीड़ जमा हो सकती है, जिससे कानून व्यवस्था बिगड़ने की आशंका है. इसलिए जिले में शांति और सुरक्षा बनाए रखने के लिए ये सख्त कदम उठाए गए हैं.

बीजेपी नेता का बयान

इस बीच, बीजेपी के एससी मोर्चा के राष्ट्रीय अध्यक्ष लाल सिंह आर्य ने भी इस मुद्दे पर बयान दिया. उन्होंने कहा कि डॉ. अंबेडकर सिर्फ किसी एक जाति के नहीं बल्कि पूरे भारत के हैं. उन्होंने संविधान लिखा जो सभी नागरिकों के अधिकारों की रक्षा करता है. आर्य ने कहा, 'ग्वालियर हमेशा से शांति का शहर रहा है, और हमें इसे शांत ही बनाए रखना है.'