मल्लिकाजुर्न खड़गे बनेंगे कर्नाटक के नए सीएम! सिद्धारमैया-शिवकुमार के बीच मतभेदों के बाद चर्चा में आया नाम

कर्नाटक में सिद्धरमैया और डीके शिवकुमार के बीच भले ही सीएम की कुर्सी को लेकर विवाद सुलझता हुआ नजर आ रहा है. हालांकि, इस बीच कर्नाटक में सीएम के लिए मल्लिकाजुर्न खड़गे का नाम सामने आया है.

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Praveen Kumar Mishra

बेंगलुरु: कर्नाटक की सियासत इन दिनों फिर गरमा गई है. मुख्यमंत्री सिद्धारमैया और उपमुख्यमंत्री डी.के. शिवकुमार के बीच सीएम पद को लेकर चल रही खींचतान थमने का नाम नहीं ले रही. 

दोनों नेताओं ने भले ही हाईकमान के सामने एकजुटता दिखाने का दिखावा किया हो लेकिन पार्टी के अंदर यह बात खुलकर सामने आ रही है कि अब शायद नेतृत्व परिवर्तन ही एकमात्र स्थायी हल बचेगा. इसी बीच सबसे जोरदार चर्चा कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे के नाम की हो रही है.

दलित विधायकों का बढ़ता दबदबा

2023 के विधानसभा चुनाव में कांग्रेस की बड़ी जीत में दलित और आदिवासी मतदाताओं की भूमिका सबसे अहम रही. पार्टी ने एससी की 36 में से 32 और एसटी की 15 में से 14 सीटें जीतीं. 

इन सीटों की जिम्मेदारी खुद मल्लिकार्जुन खड़गे ने जी. परमेश्वर और सतीश जारकीहोली जैसे दलित-आदिवासी नेताओं को सौंपी थी. अब यही नेता कह रहे हैं कि जब पार्टी की जीत में हमारा इतना बड़ा योगदान है, तो हमें उचित हिस्सेदारी भी मिलनी चाहिए.

खड़गे का पुराना मलाल पूरा होने की उम्मीद

मल्लिकार्जुन खड़गे दो बार (2013 और उससे पहले भी) कर्नाटक के मुख्यमंत्री पद की दौड़ में सबसे आगे थे लेकिन आखिरी मोड़ पर बाजी उनके हाथ से फिसल गई. वे कई बार सार्वजनिक रूप से इस बात का दर्द जाहिर कर चुके हैं कि उन्हें मौका नहीं मिला. 

अब जब पार्टी को एक ऐसा चेहरा चाहिए जो अनुभवी हो सभी गुटों को स्वीकार्य हो और दलित समाज का सबसे बड़ा प्रतिनिधि भी हो, तो खड़गे का नाम सबसे ऊपर आ रहा है.

जी. परमेश्वर और सतीश जारकीहोली भी दौड़ में

खड़गे के अलावा दो और बड़े दलित-अादिवासी चेहरे भी सीएम पद की चर्चा में हैं. पहले हैं पूर्व उपमुख्यमंत्री जी. परमेश्वर, जो लंबे समय से पार्टी के वफादार सिपाही माने जाते हैं. दूसरे हैं सार्वजनिक निर्माण मंत्री सतीश जारकीहोली, जो खुलकर कह चुके हैं कि राज्य में 3-4 उपमुख्यमंत्री बनने चाहिए ताकि ओबीसी, लिंगायत, दलित और अल्पसंख्यक सभी को प्रतिनिधित्व मिले.

खास बात यह है कि सिद्धारमैया के बेटे डॉ. यतिंद्र सिद्धारमैया ने भी जारकीहोली को अपने पिता का “असली उत्तराधिकारी” बताया था, जिससे इनकी दावेदारी और मजबूत हुई है.

हाईकमान की मजबूरी, दिल्ली की बैठक तय

पिछले हफ्ते डीके शिवकुमार खेमे ने फिर दावा किया कि सिद्धारमैया ने नवंबर में पद छोड़ने का वादा किया था. बात इतनी बढ़ गई कि हाईकमान को बीच-बचाव करना पड़ा. दोनों नेताओं की बेंगलुरु में नाश्ते की मुलाकात करवाई गई. अब खबर है कि सिद्धारमैया जल्द ही शिवकुमार के घर लंच पर जा सकते हैं और दोनों को दिल्ली भी बुलाया जा सकता है.

क्या सच में खड़गे बनेंगे कर्नाटक के अगले सीएम?

अभी तक यह सिर्फ चर्चा है कोई आधिकारिक पुष्टि नहीं हुई है. लेकिन जिस तरह दलित विधायकों का समूह मजबूत हो रहा है, खड़गे का कद पूरे देश में है और वे सभी गुटों को साथ लेकर चल सकते हैं इन सबको देखते हुए यह संभावना बिल्कुल खारिज नहीं की जा सकती.