Ranya Rao Gold Smuggling Case: कर्नाटक सरकार ने बुधवार को एक अहम फैसला लिया और राज्य पुलिस द्वारा कथित रूप से गोल्ड स्मगलिंग मामले में विशेषाधिकारों के दुरुपयोग के संदर्भ में CID जांच के आदेश को वापस ले लिया. यह फैसला एक दिन बाद आया, जब राज्य सरकार ने मंगलवार को CID जांच का आदेश दिया था.
अभी कुछ दिन पहले रान्या राव को बेंगलुरु एयरपोर्ट पर 14.2 किलोग्राम सोना के साथ पकड़ा गया था, जिसकी कीमत 12.86 करोड़ रुपये से अधिक थी. रान्या राव दुबई से बेंगलुरु आई थीं, और सोने के बर्तन उनके शरीर पर एक छिपे हुए बेल्ट में लपेट कर रखे गए थे. इसके बाद रान्या राव को राजस्व खुफिया निदेशालय (DRI) ने गिरफ्तार किया था.
राज्य सरकार ने पहले CID जांच के आदेश दिए थे, जिसमें पुलिसकर्मियों द्वारा सरकारी प्रोटोकॉल के दुरुपयोग के आरोपों की जांच की जानी थी. हालांकि, कर्नाटक सरकार ने अब इस आदेश को वापस ले लिया है, लेकिन रान्या राव के सौतेले पिता और कर्नाटक पुलिस के महानिदेशक (DGP) श्रीरामचंद्र राव के खिलाफ जांच जारी रहेगी. गोरव गुप्ता, जो कर्नाटक सरकार के अतिरिक्त मुख्य सचिव हैं, इस मामले में जांच कर रहे हैं.
रान्या राव के सौतेले पिता, श्रीरामचंद्र राव, जो कर्नाटक राज्य पुलिस हाउसिंग और इंफ्रास्ट्रक्चर डेवलेपमेंट कॉर्पोरेशन के अध्यक्ष और प्रबंध निदेशक हैं, पर भी जांच जारी रहेगी. यह जांच इस बात की जांच करेगी कि श्रीरामचंद्र राव का इस गोल्ड स्मगलिंग मामले में कोई हाथ था या नहीं.
रान्या राव की जमानत याचिका पर बेंगलुरु की अदालत ने फैसला सुरक्षित रख लिया है. अदालत 14 मार्च को इस मामले में अपना फैसला सुनाएगी. DRI ने अदालत में यह दावा किया कि जिस प्रोटोकॉल अधिकारी ने रान्या राव को एयरपोर्ट पर सुरक्षा जांच से बचने में मदद की, उसने वरिष्ठ अधिकारियों से निर्देश प्राप्त किए थे.
DRI ने अदालत में यह आरोप लगाया कि रान्या राव ने वरिष्ठ अधिकारियों के लिए बनाए गए वीआईपी प्रोटोकॉल का फायदा उठाया और सुरक्षा जांच से बचने के लिए एयरपोर्ट पर जांच को दरकिनार किया.