कर्नाटक के गृह मंत्री जी परमेश्वर ने मंगलुरु में हिंदुत्व कार्यकर्ता सुहास शेट्टी की हत्या की जांच राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) को सौंपने की मांग को सिरे से खारिज कर दिया. वहीं, भाजपा सांसद तेजस्वी सूर्या और अन्य पार्टी नेताओं की मांग को दरकिनार करते हुए, परमेश्वर ने कहा कि स्थानीय पुलिस इस मामले में कुशलतापूर्वक काम कर रही है. उन्होंने बेंगलुरु में पत्रकारों से कहा, “यह उनकी राय है. हमारा रुख स्पष्ट है पुलिस अपना काम कुशलता से कर रही है. इस मामले में अब तक आठ लोगों को गिरफ्तार किया जा चुका है, और जांच सही दिशा में आगे बढ़ रही है.”
मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, मंगलुरु के बाजपे पुलिस स्टेशन क्षेत्र में गुरुवार देर रात अज्ञात समूह ने हिंदुत्व कार्यकर्ता सुहास शेट्टी की बेरहमी से हत्या कर दी थी. शेट्टी, जिनके खिलाफ कई आपराधिक मामले दर्ज थे, उनकी हत्या ने तटीय शहर में तनाव पैदा कर दिया. इसके विरोध में विश्व हिंदू परिषद (वीएचपी) ने शुक्रवार को बंद का आह्वान किया, जिसके चलते शहर में दुकानें और व्यापारिक प्रतिष्ठान बंद रहे.
NIA जांच की कोई आवश्यकता नहीं- परमेश्वर
गृह मंत्री ने एनआईए जांच की मांग को खारिज करते हुए स्थानीय पुलिस की क्षमता पर भरोसा जताया. उन्होंने कहा, “इस स्तर पर एनआईए को शामिल करने की कोई आवश्यकता नहीं है. हमारी पुलिस सक्षम है और उसने पहले ही परिणाम दिखाए हैं.
कर्नाटक सरकार का NIA जांच से इनकार, पुलिस पर भरोसा
परमेश्वर ने यह भी बताया कि शेट्टी के खिलाफ पांच आपराधिक मामले दर्ज थे, जिसके कारण न तो वह और न ही कोई अन्य जनप्रतिनिधि उनके परिवार से मिला. उन्होंने कहा, “यह एक हत्या का मामला है, और यही कारण है कि न तो मैं और न ही कोई अन्य जनप्रतिनिधि उनके परिवार से मिला.” हालांकि, उन्होंने आश्वासन दिया कि सरकार न्याय सुनिश्चित करेगी. “हमने अपना काम किया है. जिसमें आठ लोगों को गिरफ्तार किया गया है.
गिरफ्तार आरोपियों के नाम
इस हत्याकांड के सिलसिले में अब्दुल सफवान, नियाज़ अहमद, मोहम्मद मुजम्मिल, खालंदर शफी, आदिल मेहरोज़, मोहम्मद रिज़वान, रंजीत और नागराज को गिरफ्तार किया गया है.
तटीय क्षेत्र में सांप्रदायिक तनाव रोकने के लिए टास्क फोर्स
सांप्रदायिक रूप से संवेदनशील तटीय क्षेत्र में भविष्य में हिंसा रोकने के लिए परमेश्वर ने घोषणा की कि राज्य सरकार जल्द ही एक स्थायी सांप्रदायिक-विरोधी टास्क फोर्स का गठन करेगी. उन्होंने कहा, “हम इस क्षेत्र में शांति बनाए रखने के लिए प्रतिबद्ध हैं. इस बीच सांसद तेजस्वी सूर्या सहित भाजपा नेताओं ने इस हत्या को रगेट मर्डर करार देते हुए कर्नाटक सरकार पर हिंदुत्व कार्यकर्ताओं की सुरक्षा में विफल रहने का आरोप लगाया और केंद्रीय जांच की मांग की.