Bengaluru old age home suicide: बेंगलुरू के जेपी नगर स्थित एक वृद्धाश्रम से हैरान करने वाली खबर सामने आई है. एक बुजुर्ग दंपति, कृष्णमूर्ति (81 वर्ष) और राधा (74 वर्ष), ने आत्महत्या कर ली. इस दंपति को उनके बेटे विजय ने करीब एक महीने पहले ही वृद्धाश्रम में भर्ती कराया था. यह घटना न केवल व्यक्तिगत त्रासदी को दर्शाती है, बल्कि परिवारिक रिश्तों और बुजुर्गों की देखभाल जैसे गंभीर सामाजिक मुद्दों पर भी सवाल उठाती है.
कृष्णमूर्ति और राधा को उनके बेटे विजय ने 15 मई को जेपी नगर के वृद्धाश्रम में भर्ती कराया था. सूत्रों के अनुसार, यह निर्णय घरेलू विवादों के कारण लिया गया, जिसमें बहू के खाना पकाने को लेकर असहमति प्रमुख थी. यह पहली बार नहीं था जब दंपति को वृद्धाश्रम भेजा गया. वर्ष 2021 में भी विजय ने अपने माता-पिता को बयातारायणपुरा के एक अन्य वृद्धाश्रम में छोड़ा था, लेकिन 2023 में उन्हें वापस घर ले आए. हालांकि, घरेलू तनाव खत्म नहीं हुआ, जिसके परिणामस्वरूप दंपति को जेपी नगर के इस वृद्धाश्रम में स्थानांतरित किया गया, जहां मासिक शुल्क 7,500 रुपये है.
वृद्धाश्रम में आखिरी क्षण
वृद्धाश्रम की सुपरवाइजर शोभा ने बताया कि भर्ती होने के समय दंपति सामान्य और प्रसन्न दिखाई दे रहे थे. उन्होंने कहा, "सोमवार शाम को वे साथ में टीवी देख रहे थे. राधा अपना पसंदीदा धारावाहिक देखना चाहती थी, जबकि कृष्णमूर्ति को भक्ति गीत पसंद थे. इस बात पर उनमें बहस हुई और फिर वे अपने कमरे में चले गए." यह छोटा-सा मतभेद शायद उस तनाव का प्रतीक था, जो उनके मन में लंबे समय से चल रहा था.
दुखद अंत और जांच
मंगलवार सुबह, जब दंपति ने अपने कमरे का दरवाजा नहीं खोला, तो कर्मचारियों ने अंदर जाकर देखा. वहां का दृश्य हृदयविदारक था—कृष्णमूर्ति और राधा अपने कमरे में लटके हुए पाए गए. तलघट्टापुरा पुलिस ने इस घटना को अप्राकृतिक मौत की रिपोर्ट (यूडीआर) के रूप में दर्ज किया है. प्रारंभिक जांच में टीवी को लेकर हुए मतभेद को तात्कालिक कारण माना जा रहा है, लेकिन कर्मचारियों का मानना है कि लंबे समय से चली आ रही भावनात्मक पीड़ा और परित्याग की भावना ने इस दंपति को यह चरम कदम उठाने के लिए मजबूर किया.