Chinnaswamy Stadium Stampede: शुक्रवार को मुख्यमंत्री सिद्धारमैया को एक न्यायिक आयोग की रिपोर्ट सौंपी गई। इस रिपोर्ट के अनुसार, कर्नाटक राज्य क्रिकेट संघ (केएससीए), रॉयल चैलेंजर्स बेंगलुरु (आरसीबी), डीएनए एंटरटेनमेंट और बेंगलुरु पुलिस को उस भगदड़ का जिम्मेदार ठहराया है जो 4 जून को चिन्नास्वामी स्टेडियम के बाहर हुई थी। बता दें कि इस भगदड़ में 11 लोगों की मौत हो गई और 50 से ज्यादा लोग घायल हो गए.
रिटायर्ड जस्टिस जॉन माइकल डी'कुन्हा के नेतृत्व वाले एक सदस्यीय जांच आयोग ने रिपोर्ट में बताया कि उपरोक्त सभी ने यह जानते हुए भी कि भीड़ को कंट्रोल कर पाना मुश्किल है, इस आयोजन को आगे बढ़ाया. रिपोर्ट में सभी संबंधित पक्षों की बड़ी लापरवाही का हवाला दिया गया है.
IPL जीतने के बाद RCB टीम की एक झलक पाने के लिए हजारों फैन्स स्टेडियम के बाहर जमा हो गए थे. इसी से एक किलोमीटर की दूरी पर कांग्रेस सरकार ने विधान सौधा में एक सम्मान समारोह रखा था. लेकिन भीड़ पर कंट्रोल नहीं हो पाया जिससे कई लोगों को जान से हाथ धोना पड़ा.
इस घटना की जांच के लिए सरकार ने डी’कुनहा कमीशन बनाया, जिसे एक महीने में यह पता लगाना था कि योजना, तालमेल और भीड़ नियंत्रण में कहां चूक हुई. जांच के दौरान, इस आयोग ने घटनास्थल का दौरा किया, कई सुनवाई की और चश्मदीदों, पुलिस अफसरों, KSCA (क्रिकेट एसोसिएशन), और सरकारी अधिकारियों के बयान दर्ज किए.
जांच के अनुसार, इस दौरान सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम नहीं थे. स्टेडियम के अंदर केवल 79 पुलिसकर्मी मौजूद थे और बाहर की तरफ कोई भी तैनात नहीं था. सिर्फ यही नहीं, मौके पर कोई एंबुलेंस भी मौजूद नहीं थी. इसके अलावा, कई वरिष्ठ अधिकारी समय पर नहीं पहुंचे. पुलिस के जॉइंट कमिश्नर 4 बजे पहुंचे और पुलिस कमिश्नर को इस घटना की जानकारी शाम 5:30 बजे दी गई.