डीपफेक तकनीक का इस्तेमाल अब सिर्फ मनोरंजन या गलत सूचनाएं फैलाने तक ही सीमित नहीं रह गया है, बल्कि इसे बड़े पैमाने पर वित्तीय ठगी के लिए भी हथियार बनाया जा रहा है. बेंगलुरु में एक महिला इसके शिकार हो गईं, जब उन्हें सद्गुरु का एआई से बनाया गया नकली वीडियो दिखाया गया और करोड़ों रुपये एक फर्जी ट्रेडिंग प्लेटफॉर्म में निवेश करा दिए गए.
सीवी रमन नगर की रहने वाली 57 वर्षीय वर्षा गुप्ता को सोशल मीडिया पर एक वीडियो मिला जिसमें आध्यात्मिक गुरु जग्गी वासुदेव उर्फ सद्गुरु कथित तौर पर लोगों को एक ऑनलाइन ट्रेडिंग फर्म से जुड़ने की सलाह दे रहे थे. वीडियो में दावा किया गया था कि इस फर्म में निवेश करके आर्थिक स्थिति को बेहतर बनाया जा सकता है. वीडियो के साथ एक लिंक भी था, जिसमें नाम, ईमेल और फोन नंबर डालने के बाद 250 डॉलर जमा करने की शर्त रखी गई थी.
जैसे ही महिला ने अपनी जानकारी दर्ज की, उन्हें 'मिरॉक्स ऐप' नामक एक एप्लिकेशन डाउनलोड करने को कहा गया. इसके बाद उन्हें कई यूके-आधारित नंबरों और अलग-अलग ईमेल आईडी से कॉल और ईमेल आने लगे. ठगों ने उन्हें निवेश की प्रक्रिया समझाई और लगातार अधिक पैसे डालने के लिए उकसाया. फरवरी 25 से लेकर अप्रैल 23 तक वर्षा ने अलग-अलग किश्तों में करीब 3,75,72,121 रुपये इस एप्लिकेशन पर जमा कर दिए.
महिला के खाते में ट्रेडिंग ऐप पर मुनाफे की रकम दिखाई जाती रही, जिससे उन्हें भरोसा होता गया. लेकिन जब उन्होंने पैसा निकालने की कोशिश की तो हर बार किसी न किसी कारण से अनुरोध अस्वीकार कर दिया गया. तब उन्हें शक हुआ और उन्होंने पुलिस से संपर्क किया.
शिकायत मिलने के बाद 9 सितंबर को एफआईआर दर्ज की गई. मामला सूचना प्रौद्योगिकी अधिनियम और भारतीय न्याय संहिता की धारा 318(4) (धोखाधड़ी) के तहत दर्ज हुआ है. पुलिस का कहना है कि ठगी का यह पूरा नेटवर्क विदेश से संचालित हो सकता है और जांच साइबर अपराध शाखा के सहयोग से की जा रही है.