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India Daily

'ऑटो चला रहे थे, नेविल रविकांत का पॉडकास्ट भी सुन रहे थे, बेंगलुरु ऑटो ड्राइवर की वायरल तस्वीर ने जीता लोगों का दिल

बेंगलुरु से एक दिलचस्प तस्वीर सोशल मीडिया पर वायरल हो रही है, जिसमें एक ऑटो ड्राइवर रास्ते में नेविल रविकांत का पॉडकास्ट सुनते नजर आया. छोटी सी स्क्रीन पर चलते-चलते यह प्रेरणादायक पॉडकास्ट चल रहा था, जबकि ड्राइवर गूगल मैप्स की मदद से ट्रैफिक में रास्ता भी ढूंढ रहा था. इस 'पीक बेंगलुरु' पल ने हजारों लोगों का ध्यान खींचा और शहर के hustle और जुनून को बखूबी दर्शाया.

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Edited By: Kuldeep Sharma
auto driver
Courtesy: web

भारत का टेक हब कहे जाने वाले बैंगलूरु के लोग नए-नए तरीकों से अपनी जिंदगी में टेक्नोलॉजी को शामिल कर रहे हैं. ऐसा ही एक नजारा तब सामने आया जब एक शख्स ने ऑटो में सफर करते हुए एक तस्वीर ली, जिसमें ड्राइवर गाड़ी चलाते हुए न केवल गूगल मैप्स चला रहा था, बल्कि एक छोटा सा मॉनिटर लगाकर उसमें नेविल रविकांत का पॉडकास्ट भी सुन रहा था. ये तस्वीर जैसे ही सोशल मीडिया पर आई, लोगों ने इसे 'पीक बेंगलुरु' कहकर जमकर शेयर करना शुरू कर दिया.

तस्वीर में साफ देखा जा सकता है कि ड्राइवर ने अपनी ऑटो के फ्रंट में एक छोटी सी स्क्रीन लगाई है, जिस पर नेविल रविकांत का पॉडकास्ट चल रहा है. साथ ही उसका मोबाइल फोन उसे नेविगेशन में मदद कर रहा है. नेविल रविकांत को उनके गहरे विचारों और निवेश संबंधी सलाहों के लिए जाना जाता है. लोग ड्राइवर के इस तरीके से प्रभावित नजर आए कि वह सफर के समय को भी सीखने में इस्तेमाल कर रहा है.

सोशल मीडिया पर मिली तारीफें

इस तस्वीर को एक यूजर ने X पर पोस्ट करते हुए लिखा, "इससे ज्यादा पीक बेंगलुरु क्या हो सकता है?" देखते ही देखते पोस्ट वायरल हो गई और करीब 60,000 से ज्यादा व्यूज़ मिल गए. एक यूजर ने कहा, “नेविल को सुनना तो लाजमी है, भले ही आप ऑटो चला रहे हों.” वहीं दूसरे ने लिखा, “गूगल मैप्स, पॉडकास्ट और गड्ढों से बचना ये ड्राइवर सुपरह्यूमन है.”

ऑटो ड्राइवर की सोशल मीडिया आदतें भी सुर्खियों में

इससे पहले भी एक बेंगलुरु निवासी ने Reddit पर एक घटना शेयर की थी जिसमें एक ऑटो ड्राइवर सफर के दौरान इंस्टाग्राम पर स्क्रॉल कर रहा था. वह अभिनेत्री श्रीलीला की प्रोफाइल देखने के लिए ऑटो को बीच सड़क पर धीमा कर देता है. उस व्यक्ति ने बताया कि वह ऑफिस के लिए देर में था लेकिन ड्राइवर की इस हरकत पर वह बस “बेबस” महसूस कर सका. ये घटनाएं दिखाती हैं कि बेंगलुरु के ऑटो ड्राइवर तकनीक के कितने करीब हैं- कभी प्रेरणा लेते हुए, तो कभी मनोरंजन करते हुए.