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Bengaluru Air Quality: बेंगलुरु की वायु गुणवत्ता में सुधार, दीपावली के बाद शहर का AQI 98 प्रतिशत बेहतर

Bengaluru Air Quality: बेंगलुरु में इस साल दीपावली के दूसरे दिन वायु गुणवत्ता पिछले साल की तुलना में 98 प्रतिशत बेहतर रही. कर्नाटक राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (KSPCB) के अनुसार, मैजेस्टिक और मैसूरु रोड निगरानी केंद्रों पर AQI क्रमशः 104 और 109 दर्ज किया गया.

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Reepu Kumari

Bengaluru Air Quality: बेंगलुरुवासियों के लिए इस बार की दीपावली खुशियों के साथ स्वास्थ्य के लिहाज से भी राहत लेकर आई. कर्नाटक राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (KSPCB) की रिपोर्ट के अनुसार, शहर का वायु गुणवत्ता सूचकांक (AQI) पिछले साल की दीपावली की तुलना में 98 प्रतिशत बेहतर रहा. मैजेस्टिक और मैसूर रोड स्थित निगरानी केंद्रों ने क्रमशः 104 और 109 का AQI दर्ज किया, जो सामान्य दिन की तुलना में 7 प्रतिशत कम था.

पिछले वर्ष दीपावली के पहले दिन हेब्बल में AQI 263, होम्बेगौड़ा नगर में 121 और सिल्क बोर्ड जंक्शन में 170 तक पहुंच गया था. इस साल शहरवासियों ने ट्रैफिक कम कर दिया, जिससे वायु गुणवत्ता में सुधार देखने को मिला.

वायु गुणवत्ता में सुधार

हालांकि वायु गुणवत्ता में सुधार हुआ, लेकिन ध्वनि प्रदूषण में उल्लेखनीय वृद्धि देखी गई. पीन्या में दीपावली से पहले के स्तर की तुलना में वायु प्रदूषण में 52 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज हुई, जबकि होसकोटे और दशरहल्ली में भी AQI बढ़ा. इसके विपरीत, मैसूर रोड, होम्बेगौड़ा नगर, जयनगर, हेब्बल और सिल्क बोर्ड जंक्शन स्टेशनों पर वायु गुणवत्ता में सुधार हुआ.

अधिकारियों का मानना है कि शहरवासियों के बाहर जाने और कम ट्रैफिक के कारण वायु प्रदूषण स्तर नियंत्रित रहा. वरिष्ठ अधिकारियों ने चेतावनी दी कि पटाखों के लगातार जलाने से AQI में अचानक वृद्धि हो सकती है, इसलिए नागरिकों को सतर्क रहने की सलाह दी गई है.

दीपावली के दिन AQI में सुधार

इस बार बेंगलुरु का AQI पिछले वर्ष की तुलना में 98 प्रतिशत बेहतर रहा. शहर में मैजेस्टिक और मैसूर रोड निगरानी केंद्रों पर AQI 104 और 109 दर्ज किया गया, जो सामान्य दिन की तुलना में 7 प्रतिशत कम था.

ध्वनि प्रदूषण में वृद्धि

हालांकि वायु गुणवत्ता बेहतर रही, ध्वनि प्रदूषण में वृद्धि दर्ज की गई. पटाखों और आतिशबाजी के कारण शहर में आवाजाही और शोर स्तर बढ़ा.

ट्रैफिक और बाहर जाने का असर

अधिकारी मानते हैं कि शहरवासियों के अपने गृहनगरों में दीपावली मनाने जाने और ट्रैफिक में कमी के कारण वायु गुणवत्ता में सुधार हुआ. कम वाहन चलने से प्रदूषण का स्तर कम रहा.

स्वास्थ्य और चेतावनी

100 से ऊपर का AQI स्तर असुरक्षित माना जाता है. इससे फेफड़े या हृदय रोग से पीड़ित व्यक्ति, बच्चे और बुजुर्ग सांस लेने में परेशानी महसूस कर सकते हैं. अधिकारियों ने कहा कि पटाखों के लगातार जलाने से AQI में वृद्धि होने की संभावना है.