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India Daily

Diamond Jubilee celebration: 'कन्नड़ सीखने की कोशिश करूंगी...,' राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने AIISH हीरक जयंती समारोह के मंच से CM सिद्धारमैया को दिया जवाब

मैसूरु में AIISH की हीरक जयंती समारोह में कर्नाटक CM सिद्धारमैया ने राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू से पूछा कि क्या वह कन्नड़ जानती हैं. राष्ट्रपति ने जवाब में कहा कि वह धीरे-धीरे कन्नड़ सीखने की कोशिश करेंगी और सभी से अपनी भाषा व परंपरा को संरक्षित करने की अपील की.

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Edited By: Km Jaya
राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू और मुख्यमंत्री सिद्धारमैया
Courtesy: Social Media

Diamond Jubilee celebration: कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धारमैया ने सोमवार को मैसूरु में आयोजित अखिल भारतीय वाक् और श्रवण संस्थान (AIISH) की हीरक जयंती समारोह के मंच से राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू से मुस्कुराते हुए सवाल किया, 'क्या आप कन्नड़ जानती हैं?' इस पर राष्ट्रपति ने विनम्रता से जवाब देते हुए कहा कि वह कन्नड़ भाषा सीखने की कोशिश करेंगी और भारतीय भाषाओं, परंपराओं व संस्कृति को संरक्षित करने की अपील की.

राष्ट्रपति मुर्मू ने अपने संबोधन में कहा कि मैं माननीय मुख्यमंत्री को बताना चाहती हूं कि भले ही कन्नड़ मेरी मातृभाषा नहीं है, लेकिन मैं अपने देश की सभी भाषाओं, संस्कृतियों और परंपराओं को गहराई से संजोकर रखती हूं. मैं हर भाषा और परंपरा का सम्मान करती हूं. इसके बाद उन्होंने आगे ये भी कहा कि देश के हर नागरिक को अपनी परंपराओं और मातृभाषा को जीवित रखना चाहिए जिससे वे अपने आगे की पीढ़ियों तक पहुंचा सकें.

राष्ट्रपति मुर्मू का जवाब

राष्ट्रपति ने कहा, 'मैं चाहती हूं कि सभी लोग अपनी भाषा को जीवित रखें, अपनी परंपराओं और संस्कृति को संरक्षित करें और उसी दिशा में आगे बढ़ें. मैं भी धीरे-धीरे कन्नड़ सीखने का प्रयास करूंगी. उनके इस बयान पर समारोह स्थल पर तालियों की गड़गड़ाहट गूंजी.

मैसूरु एयरपोर्ट पर भव्य स्वागत 

इस मौके पर राष्ट्रपति मुर्मू का मैसूरु एयरपोर्ट पर भव्य स्वागत हुआ. कर्नाटक के राज्यपाल थावरचंद गहलोत और मुख्यमंत्री सिद्धारमैया ने उनका स्वागत किया. कार्यक्रम में केंद्रीय मंत्री अनुप्रिया पटेल, कर्नाटक के स्वास्थ्य मंत्री दिनेश गुंडू राव और भाजपा सांसद यदुवीर वाडियार भी मौजूद रहे.

राष्ट्रपति के जवाब ने किया प्रभावित

समारोह के दौरान मुख्यमंत्री सिद्धारमैया ने अपने संबोधन की शुरुआत कन्नड़ भाषा में की और राष्ट्रपति की ओर देखकर मुस्कुराते हुए पूछा कि क्या आप कन्नड़ समझती हैं? जिस पर राष्ट्रपति का जवाब सभी को प्रभावित कर गया. मुख्यमंत्री सिद्धारमैया इससे पहले भी कई मौकों पर कन्नड़ भाषा के व्यापक उपयोग की वकालत कर चुके हैं. 

विपक्षी दलों ने क्यों जताया विरोध 

कुछ माह पहले उन्होंने कहा था कि कर्नाटक में रहने वाले हर व्यक्ति को कन्नड़ बोलनी चाहिए. हम सब कन्नडिगा हैं. यहां भिन्न-भिन्न भाषाएं बोलने वाले लोग बस गए हैं, लेकिन राज्य में रहने वाला हर व्यक्ति कन्नड़ बोले. उनके इस बयान पर विपक्षी दलों ने विरोध दर्ज कराया था. एक बार फिर से भाषा और संस्कृति के संरक्षण पर चर्चा को नए सिरे से जन्म दे दिया है. राष्ट्रपति मुर्मू का यह आश्वासन कि वह कन्नड़ सीखेंगी, जो लोगों में सकारात्मक संदेश लेकर आया है.