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झारखंड के वकील की' लिमिट क्रॉस न करें' वाली टिप्पणी से भड़के हाईकोर्ट के जज, लिया ये सख्त एक्शन

Jharkhand High Court: झारखंड हाईकोर्ट ने एक वकील के उस बयान पर स्वतः संज्ञान लिया है, जिसमें वकील ने कहा था कि 'डोंट क्रॉस द लिमिट'. कोर्ट ने वकील से इस मामले में जवाब तलब किया है.

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Edited By: Kanhaiya Kumar Jha
Jharkhand Highcourt
Courtesy: Social Media

Jharkhand High Court: झारखंड हाईकोर्ट ने शुक्रवार को एक वकील के खिलाफ स्वतः संज्ञान लेते हुए अवमानना ​​कार्यवाही शुरू की है. 16 अक्टूबर को वकील और न्यायाधीश के बीच तीखी बहस हुई थी, जिसके बाद कोर्ट ने ये कार्यवाही शुरू की है. इस घटना का एक वीडियो सोशल मीडिया पर भी वायरल हो गया है, जिसमें वकील और जज के बीच तीखी बहस देखने को मिल रही है. 

दरअसल, यह घटना कोर्ट रूम 24 में न्यायमूर्ति राजेश कुमार और एक वकील महेश तिवारी के बीच हुई. मुख्य न्यायाधीश तरलोक सिंह चौहान, न्यायमूर्ति सुजीत नारायण प्रसाद, न्यायमूर्ति रोंगोन मुखोपाध्याय, न्यायमूर्ति आनंद सेन और न्यायमूर्ति राजेश शंकर की पूर्ण पीठ ने मामले की सुनवाई की और तिवारी को तीन सप्ताह में अपना जवाब दाखिल करने का निर्देश दिया है. जानकारी के अनुसार पीठ ने विभिन्न सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर वायरल हो रही घटना का हवाला दिया और वकील से जवाब तलब किया है. 

मामले की सुनवाई के दौरान वकील द्वारा दी गई की दलील से जुड़ा है मामला

दरअसल, 16 अक्टूबर को न्यायमूर्ति कुमार बिजली आपूर्ति बहाल करने से संबंधित एक मामले की सुनवाई कर रहे थे, जिस पर तिवारी ने दलील दी थी.  तिवारी ने कहा कि उनका मुवक्किल बकाया बिजली बिलों के बदले 25,000 रुपये जमा करने को तैयार है. हालांकि, न्यायाधीश ने कहा कि कुल राशि का 50 प्रतिशत जमा करना होगा.

अंततः वकील द्वारा पिछले प्रस्ताव के बदले 50,000 रुपये जमा करने पर सहमत होने के कुछ ही देर बाद इस मामले में एक नया मोड़ आ गया. दरअसल जब एक अन्य मामले की सुनवाई शुरू हुई, तो न्यायाधीश ने तिवारी के मामले का उल्लेख किया और वकील द्वारा मामले में बहस करने के तरीके पर कुछ टिप्पणियां की. इसके बाद न्यायाधीश ने अदालत कक्ष में मौजूद झारखंड राज्य बार काउंसिल के अध्यक्ष से इस मुद्दे पर संज्ञान लेने का अनुरोध किया.न्यायाधीश की टिप्पणियों के बाद, तिवारी पीठ के पास आए और कहा कि वह अपने तरीके से बहस करेंगे. वकील ने ये भी कहा कि डोंट क्रॉस द लिमिट (सीमा पार न करें). 

झारखंड हाईकोर्ट ने लिया मामले का स्वतः संज्ञान

इस पूरे मामले का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल होने के बाद झारखंड उच्च न्यायालय का ध्यान भी इस ओर आकर्षित हुआ और कोर्ट ने स्वतः संज्ञान लेते हुए कार्रवाई शुरू की और शुक्रवार को सुबह करीब 11 बजे सुनवाई रखी. कोर्ट ने इस पूरे घटनाक्रम को लेकर उक्त वकील को तीन सप्ताह में अपना जवाब दाखिल करने का निर्देश दिया है.