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India Daily

झारखंड के पूर्व CM शिबू सोरेन का हुआ अंतिम संस्कार, राहुल गांधी हुए शामिल

झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री और झारखंड मुक्ति मोर्चा (JMM) के संस्थापक शिबू सोरेन का अंतिम संस्कार हो गया. उनके बेटे और वर्तमान मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने पारंपरिक रीति-रिवाजों के साथ उनकी चिता को मुखाग्नि दी.

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Edited By: Gyanendra Sharma
Former Jharkhand CM Shibu Soren
Courtesy: Social Media

झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री और झारखंड मुक्ति मोर्चा (JMM) के संस्थापक शिबू सोरेन, जिन्हें ‘दिशोम गुरु’ के नाम से जाना जाता था का मंगलवार, 5 अगस्त 2025 को उनके पैतृक गांव नेमरा (रामगढ़ जिला) में पूर्ण राजकीय सम्मान के साथ अंतिम संस्कार किया गया. उनके बेटे और वर्तमान मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने पारंपरिक रीति-रिवाजों के साथ उनकी चिता को मुखाग्नि दी. इस अवसर पर कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे और लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी सहित कई प्रमुख राजनेता और हजारों समर्थक मौजूद रहे.

शिबू सोरेन की अंतिम यात्रा रांची से शुरू होकर रामगढ़ के नेमरा गांव तक पहुंची. इस दौरान सड़कों के किनारे हजारों लोग अपने प्रिय नेता को श्रद्धांजलि देने के लिए एकत्र हुए. समर्थकों ने ‘शिबू सोरेन अमर रहे’ और ‘दिशोम गुरु अमर रहे’ के नारे लगाए, जो पूरे मार्ग में गूंजते रहे. रांची के मोरहाबादी स्थित उनके आवास पर सुबह से ही लोगों का तांता लगा रहा.

शिबू सोरेन के अंतिम संस्कार में देश भर से कई प्रमुख नेता शामिल हुए. कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे और राहुल गांधी विशेष रूप से रांची पहुंचे और नेमरा में उनकी अंतिम यात्रा में शामिल हुए. इसके अलावा, पूर्व मुख्यमंत्री चंपाई सोरेन, जो शिबू सोरेन के करीबी सहयोगी रहे ने भी उन्हें श्रद्धांजलि दी. आम आदमी पार्टी (AAP) के सांसद संजय सिंह, पूर्णिया के सांसद पप्पू यादव, और अन्य गणमान्य व्यक्तियों ने भी रांची पहुंचकर इस दुखद अवसर पर अपनी संवेदनाएं व्यक्त कीं. 

 झारखंड विधानसभा में दी गई श्रद्धांजलि

शिबू सोरेन के पार्थिव शरीर को अंतिम संस्कार से पहले झारखंड विधानसभा लाया गया, जहां विधायकों, मंत्रियों और अधिकारियों ने उन्हें राजकीय सम्मान के साथ श्रद्धांजलि अर्पित की. विधानसभा अध्यक्ष रविंद्र नाथ महतो ने कहा, “शिबू सोरेन का निधन झारखंड और देश के लिए एक अपूरणीय क्षति है. वे गरीबों और आदिवासियों के लिए संघर्ष का प्रतीक थे.” इस दौरान विधानसभा की कार्यवाही को अनिश्चितकाल के लिए स्थगित कर दिया गया.