Om Prakash Chautala: आज हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री ओम प्रकाश चौटाला का 89 साल की उम्र में निधन हो गया. लेकिन उनके जीवन की कई ऐसी कहानियां हैं जो लोगों को उतार-चढ़ाव के बारे में बताती हैं. साथ ही यह भी बताती हैं कि ऐसे समय में कैसे धैर्य बनाए रखना चाहिए.
राजनीति में अपनी अलग पहचान बनाने वाले हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री ओम प्रकाश चौटाला एक बार विवादों के केंद्र में थे. यह वाकया 1978 का है, जब उनके पिता देवीलाल हरियाणा के मुख्यमंत्री थे.
बैंकॉक से लौटने पर हुआ विवाद
22 अक्टूबर 1978 को ओमप्रकाश चौटाला एक सम्मेलन में भाग लेने के बाद बैंकॉक से भारत लौटे. दिल्ली एयरपोर्ट पर कस्टम विभाग ने उनकी तलाशी ली. उनके बैग से करीब 4 दर्जन महंगी घड़ियां और 2 दर्जन महंगे पेन बरामद हुए. इस घटना ने उस समय की राजनीति में हलचल मचा दी. जल्द ही खबरें फैलने लगीं कि मुख्यमंत्री के बेटे पर तस्करी का आरोप लगा है.
पिता ने घर से बाहर किया
उस समय देवीलाल चंडीगढ़ के PGI अस्पताल में अपना इलाज करवा रहे थे. जैसे ही उन्हें इस घटना की जानकारी मिली, उन्होंने प्रेस कॉन्फ्रेंस बुलाकर ऐलान किया कि ओमप्रकाश के लिए मेरे घर के दरवाजे हमेशा के लिए बंद हो चुके हैं.
जांच में निर्दोष साबित हुए चौटाला
हरियाणा के पूर्व वित्त मंत्री संपत सिंह ने इस मामले पर कहा था कि ओमप्रकाश घड़ियों की तस्करी नहीं कर रहे थे. विदेश दौरे के दौरान उन्हें ये घड़ियां गिफ्ट में मिली थीं. बाद में जांच में वे निर्दोष पाए गए. इसके बाद देवीलाल ने भी अपने बेटे को माफ कर दिया था. 89 साल की उम्र में ओमप्रकाश चौटाला का निधन हो गया. वे हरियाणा की राजनीति में अपनी पकड़ और लोकप्रियता के लिए जाने जाते थे. यह घटना उनके जीवन की एक महत्वपूर्ण कहानी है, जो आज भी याद की जाती है.