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Gurugram Waterlogging: बारिश के बाद फिर से पानी-पानी हुआ गुरुग्राम, जलभराव के लिए बीजेपी अध्यक्ष ने अधिकारियों को बताया जिम्मेदार

एमसीजी की टीमों ने कई जगहों पर पंप लगाकर पानी निकालने की कोशिश की, लेकिन दोपहर तक भी कई इलाकों में जलभराव बना रहा. अस्पतालों तक में पानी घुसने से मरीजों को भारी परेशानी उठानी पड़ी.

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Edited By: Reepu Kumari
Gurugram waterlogging
Courtesy: X & Pinterest

Gurugram rain 2025: गुरुवार को हुई तेज बारिश ने एक बार फिर गुरुग्राम को घुटनों पर ला खड़ा किया. सड़कों से लेकर अस्पतालों तक, हर तरफ बस पानी ही पानी नजर आया. लोग ऑफिस और घर के बीच फंसे रह गए, और सोशल मीडिया पर तस्वीरों और वीडियो की बाढ़ आ गई. सड़कों पर जलजमाव इतना ज्यादा था कि गाड़ियां रेंगने लगीं और लोग मजबूरी में पैदल ही निकलने लगे.

हालांकि नगर निगम की टीमें मौके पर थीं, लेकिन हालात इतने बिगड़े कि हाईवे भी पानी में डूब गया. ट्रैफिक पूरी तरह जाम हो गया और लोगों को दो-दो घंटे तक फंसे रहना पड़ा. ऐसे में राजनीतिक बयानबाजी भी शुरू हो गई और इस जलजमाव की जिम्मेदारी एक-दूसरे पर डालने का सिलसिला शुरू हो गया.

सड़कों पर नाव चले, इतना भर गया पानी

गुरुग्राम के नेशनल हाईवे-8 से लेकर सोहना रोड तक पानी ही पानी नजर आया. कई गाड़ियां पानी में बंद हो गईं और लोग उन्हें सड़क किनारे छोड़कर निकल गए. राजीव चौक, सोहना रोड और सदर्न पेरिफेरल रोड जैसे इलाकों में तो हाल ऐसा था मानो सड़क नहीं, कोई नदी बह रही हो. सेक्टर 48, 49, 50 और 66 के लोग तो पूरी तरह फंसे नजर आए.

ऑटो वालों ने सवारी देने से इनकार कर दिया और ओला-उबर जैसी कैब सेवाओं ने किराया आसमान पर पहुंचा दिया. ऑफिस जाने वाले लोगों ने बताया कि कुछ किलोमीटर की दूरी तय करने में दो घंटे लग गए.

भाजपा ने प्रशासन को बताया दोषी, कांग्रेस ने सरकार पर उठाए सवाल

हरियाणा भाजपा अध्यक्ष मोहन लाल बडोली ने कहा कि अधिकारियों की लापरवाही से हालात बिगड़े हैं. उन्होंने माना कि सफाई के लिए बजट भी पास हुआ और आदेश भी दिए गए, लेकिन ज़मीनी स्तर पर काम नहीं हुआ. वहीं कांग्रेस नेता पंकज डावर ने सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि 10 साल से सत्ता में रहने के बावजूद हर बार यही हाल होता है.

डावर ने तंज कसते हुए कहा, 'हर साल सरकार कहती है कि अब जलभराव नहीं होगा, लेकिन बारिश आते ही सारा दावा बह जाता है.'

नगर निगम की कोशिशें नाकाफी, लोगों को राहत नहीं

एमसीजी की टीमों ने कई जगहों पर पंप लगाकर पानी निकालने की कोशिश की, लेकिन दोपहर तक भी कई इलाकों में जलभराव बना रहा. अस्पतालों तक में पानी घुसने से मरीजों को भारी परेशानी उठानी पड़ी.

शहर के लोगों की एक ही मांग है बारिश से पहले पुख्ता तैयारी हो, ताकि हर साल यही हाल ना हो. वरना गुरुग्राम जैसे स्मार्ट सिटी बनने का सपना सिर्फ स्लोगन बनकर रह जाएगा.