अनिल विज छोड़ने वाले हैं मंत्री पद! सोशल मीडिया से हटाया 'मिनिस्टर' शब्द तो राजनीतिक हलचल हुई तेज

Anil Vij: हरियाणा सरकार में मंत्री अनिल विज ने कुछ ऐसा किया है, जिससे राजनीतिक हलचल तेज हो गई है. उन्होंने अपने सोशल मीडिया प्रोफाइल से मिनिस्टर शब्द को हटा दिया है.

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Praveen Kumar Mishra

Anil Vij: हरियाणा की राजनीति में उस वक्त हलचल मच गई, जब बीजेपी के दिग्गज नेता और परिवहन मंत्री अनिल विज ने अपने सोशल मीडिया अकाउंट ‘एक्स’ से ‘मिनिस्टर’ शब्द हटा लिया. इस छोटे से बदलाव ने सियासी गलियारों में कई सवाल खड़े कर दिए हैं. लोग कयास लगा रहे हैं कि क्या अनिल विज अब मंत्री पद छोड़ने की तैयारी में हैं? हालांकि, विज ने इस बारे में कोई आधिकारिक बयान नहीं दिया है लेकिन उनके इस कदम ने कई चर्चाओं को जन्म दे दिया है.

अनिल विज ने अपने ‘एक्स’ अकाउंट पर ‘मिनिस्टर’ शब्द को हटाकर उसकी जगह “अनिल विज, अंबाला कैंट, हरियाणा, इंडिया” लिखा है. सूत्रों के मुताबिक, यह बदलाव बुधवार देर रात या गुरुवार सुबह किया गया. पहले उनके प्रोफाइल में उनके मंत्री पद का जिक्र प्रमुखता से होता था लेकिन अब उन्होंने अपनी क्षेत्रीय पहचान को सामने रखा है. 

अनिल विज का सियासी सफर

अनिल विज हरियाणा की राजनीति में एक बड़ा नाम हैं. वे लंबे समय से बीजेपी के वरिष्ठ नेता रहे हैं और कई महत्वपूर्ण मंत्रालयों की जिम्मेदारी संभाल चुके हैं. पहले वे गृह और स्वास्थ्य जैसे बड़े विभागों के मंत्री रह चुके हैं. वर्तमान सरकार में उन्हें परिवहन मंत्रालय सौंपा गया है. उनकी बेबाकी और स्पष्टवादी रवैये ने उन्हें जनता के बीच खास पहचान दिलाई है. लेकिन इस बार उनके प्रोफाइल बदलाव ने सबको हैरान कर दिया है.

Anil Vij

क्या है बदलाव का कारण?

अनिल विज के इस कदम को लेकर तरह-तरह की अटकलें लगाई जा रही हैं. कुछ लोग इसे बीजेपी के आंतरिक समीकरणों से जोड़कर देख रहे हैं, तो कुछ का कहना है कि यह उनकी भविष्य की रणनीति का हिस्सा हो सकता है. सोशल मीडिया पर उनके समर्थक इसे उनकी जनता से सीधे जुड़ने की कोशिश बता रहे हैं. वहीं कुछ राजनीतिक विश्लेषक इसे पार्टी में बदलते समीकरणों का संकेत मान रहे हैं.

विज की चुप्पी पर बढ़ा सस्पेंस

अनिल विज ने अभी तक इस बदलाव पर कोई टिप्पणी नहीं की है. उनकी चुप्पी ने सियासी हलकों में सस्पेंस को और बढ़ा दिया है. हरियाणा की जनता और बीजेपी कार्यकर्ता अब उनके अगले कदम का इंतजार कर रहे हैं. क्या यह सिर्फ एक सामान्य बदलाव है या इसके पीछे कोई बड़ा सियासी दांव?