करोल बाग इलाके के विशाल मेगा मार्ट में शॉपिंग करने गए यूपीएससी अभ्यर्थी कुमार धीरेंद्र प्रताप की दर्दनाक मौत ने सभी को झकझोर कर रख दिया है. आग की लपटों के बीच वह लिफ्ट में फंस गए और घंटों तक तड़पते रहे. उन्होंने अपने बड़े भाई वीरेंद्र विक्रम को आखिरी पल में मैसेज कर मदद की गुहार लगाई, लेकिन समय रहते बचाव नहीं हो पाया.
धीरेंद्र के भाई वीरेंद्र विक्रम ने बताया कि शुक्रवार शाम 6:51 बजे उन्हें अपने भाई का व्हाट्सएप मैसेज मिला जिसमें लिखा था, "भैया, अब सांस फूल रही है. कुछ करो..." इसके तुरंत बाद धीरेंद्र ने उन्हें कॉल करके कहा, "मुझे बचा लो, मैं लिफ्ट में फंस गया हूं, सांस नहीं ले पा रहा हूं." धीरेंद्र विशाल मेगा मार्ट में अकेले शॉपिंग करने गए थे. जब आग लगी तो वह लिफ्ट में ही फंसे रह गए. आग और धुएं से उनका दम घुटता गया, लेकिन उन्हें बाहर निकालने में देरी होती रही.
वीरेंद्र ने बताया कि उन्होंने पुलिस और फायर ब्रिगेड से मदद मांगी लेकिन कोई कार्रवाई शाम 9 बजे से पहले नहीं हुई. "हम बार-बार विनती करते रहे, लेकिन स्टाफ ने हमारी एक नहीं सुनी. उन्होंने बिजली बंद की और भाग गए. रात 2:30 बजे तक किसी ने यह नहीं माना कि अंदर कोई फंसा हुआ है. आग लगने के बाद करीब 800 वर्ग फीट के स्टोर में धुआं भर गया था और बचाव कार्य में भारी देरी हुई.
धीरेंद्र का शव पुलिस, फायर ब्रिगेड और डिजास्टर रेस्पॉन्स टीम के संयुक्त ऑपरेशन के दौरान मिला. वीरेंद्र ने बताया कि जब उन्होंने अपने भाई का शव देखा तो उसकी नाक से खून निकल रहा था, जिससे साफ था कि उन्होंने काफी तड़पकर जान गंवाई. है. "मेरे भाई की मौत दम घुटने से हुई. कल्पना कीजिए, वह कितनी पीड़ा में रहा होगा. मेरे लिए वह सब कुछ था. उस क्षण में मेरे अंदर कुछ टूट गया," उन्होंने पीटीआई को बताया.
परिवार ने अभी तक वाराणसी में रह रही मां को बेटे की मौत की सूचना नहीं दी है. वीरेंद्र कहते हैं, "मां को बस इतना बताया है कि धीरेंद्र घायल है. धीरेंद्र हाल ही में यूपीएससी प्रीलिम्स देकर लौटे थे और करोल बाग में किराए के मकान में रहते थे. वह मेहनती और सपने देखने वाला युवा था, जिसकी जिंदगी एक हादसे में खत्म हो गई.