नई दिल्ली: सोमवार शाम दिल्ली के लाल किले के पास हुए कार धमाके ने राजधानी को हिलाकर रख दिया. इस धमाके में 9 लोगों की मौत हो गई और 20 अन्य गंभीर रूप से घायल हो गए. प्रारंभिक रिपोर्ट्स के अनुसार, जो कार धमाके में शामिल थी, वह एक Hyundai i20 थी, जिसका रजिस्ट्रेशन हरियाणा के गुड़गांव में हुआ था. इस कार का मालिक पहले मोहम्मद सलमान था, लेकिन यह कार कई बार मालिक बदल चुकी थी.
आखिरी बार इसे जम्मू-कश्मीर के पुलवामा जिले के शमबुरा गांव के रहने वाले तारीक ने खरीदी थी. गुड़गांव के पहले मालिक सलमान ने जांचकर्ताओं को बताया कि उसने पिछले साल इस कार को दिल्ली के ओखला इलाके में एक ब्रोकर के जरिए बेच दिया था. इसके बाद, कार की यात्रा दिल्ली से होकर पुलवामा तक पहुंची, जहां इसे तारीक ने खरीदा.
अब, जांच एजेंसियां यह पता लगाने की कोशिश कर रही हैं कि यह कार दिल्ली लौट कर कैसे आई और यहां धमाका क्यों हुआ, खासकर जब पुलवामा का आतंकी इतिहास भी सामने है. पुलवामा कनेक्शन के बाद दिल्ली पुलिस और अन्य शीर्ष एजेंसियों जैसे NIA ने इस मामले की गंभीरता को बढ़ाते हुए आतंकवादी कनेक्शन की जांच शुरू कर दी है. क्या यह एक आतंकी हमला था? जांचकर्ताओं को अभी इस बात का कोई स्पष्ट उत्तर नहीं मिला है, लेकिन अब यह मामला ज्यादा जटिल हो गया है.
दिल्ली पुलिस के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया, 'कार में धमाका उस समय हुआ जब उसमें तीन लोग बैठे हुए थे. हमने अब तक किसी भी तरह के गोलियों के निशान या बम के छर्रे के संकेत नहीं पाए हैं, जो एक विस्फोट में आम तौर पर होते हैं. हम सभी पहलुओं की जांच कर रहे हैं.'
अधिकारियों का कहना है कि इस मामले में अब तक मिली जानकारी के आधार पर हमले के कारणों का अंदाजा नहीं लगाया जा सकता है. केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने भी मामले की गंभीरता को देखते हुए मंगलवार को उच्च अधिकारियों के साथ इस धमाके का विस्तृत विश्लेषण करने की बात कही. अमित शाह ने कहा, 'हम मामले की गहरी जांच कर रहे हैं और सभी संभावित कोणों से छानबीन की जा रही है.'
दिल्ली में हाई अलर्ट घोषित कर दिया गया है और शहर की सीमा पर वाहनों की जांच सख्त कर दी गई है. सरकार और सुरक्षा एजेंसियों के लिए यह एक बड़ी चुनौती है और इस मामले की जांच आतंकवाद से जुड़े सभी संभावित पहलुओं की गहराई से की जाएगी.