JNU: जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय (जेएनयू) की डॉ. बीआर आंबेडकर सेंट्रल लाइब्रेरी में फेस रिकग्निशन सिस्टम लगाने के खिलाफ छात्रों का विरोध थमने का नाम नहीं ले रहा है. जेएनयू छात्र संघ (JNUSU) ने इस कदम को सुरक्षा और निजता के खिलाफ बताते हुए लगातार दूसरे दिन भी अनिश्चितकालीन धरना जारी रखा. शुक्रवार को जहां इस मुद्दे पर जमकर हंगामा हुआ था, वहीं शनिवार को माहौल शांत रहा, लेकिन छात्र अपनी मांगों पर अडिग दिखे.
छात्र संघ का कहना है कि प्रशासन लाइब्रेरी में जरूरी सुविधाओं को अपग्रेड करने के बजाय फेस रिकग्निशन जैसी व्यवस्था लागू कर रहा है. JNUSU अध्यक्ष नीतिश कुमार ने स्पष्ट किया कि जब तक उनकी मांगें पूरी नहीं होतीं, विरोध जारी रहेगा. सोमवार को प्रशासन के साथ बातचीत की कोशिश होगी और जरूरत पड़ी तो यूनिवर्सिटी स्ट्राइक पर भी विचार किया जाएगा.
लाइब्रेरी में फेस रिकग्निशन लागू करने के पीछे प्रशासन सुरक्षा कारणों का हवाला दे रहा है. दरअसल, 18 अगस्त को रीडिंग रूम की टेबल पर जातिसूचक और आपत्तिजनक शब्द लिखने का मामला सामने आया था, जिसकी जांच में दो पूर्व/बाहरी छात्रों की संलिप्तता मिली. इसके बाद दोनों पर कैंपस में प्रवेश पर प्रतिबंध लगा दिया गया.
सूत्रों के मुताबिक सुरक्षा विभाग ने इस मामले की रिपोर्ट प्रशासन को सौंप दी है, जिसके आधार पर आगे की कार्रवाई तय होगी. हालांकि अब तक जेएनयू प्रशासन की ओर से कोई आधिकारिक बयान सामने नहीं आया है. वहीं छात्रों का कहना है कि फेस रिकग्निशन व्यवस्था से निजता भंग होगी और असली मुद्दों जैसे लाइब्रेरी की सुविधाएं, संसाधनों की कमी और अध्ययन माहौल को नजरअंदाज किया जा रहा है. यही वजह है कि उनका धरना फिलहाल जारी रहेगा.