Delhi News: दिल्ली के जामिया नगर स्थित क्वींस अपार्टमेंट्स में एक चौंकाने वाली और दिल दहला देने वाली घटना सामने आई है. 65 साल की महिला का शव घर में संदिग्ध हालत में मिला और उनका 70 वर्षीय पति, जो एक रिटायर्ड संगीत शिक्षक हैं, गंभीर हालत में पाया गया. पुलिस ने दरवाजा तोड़कर घर में दाखिल होकर यह भयावह दृश्य देखा.
यह मामला तब सामने आया जब महिला के भाई और भाभी ने पुलिस से संपर्क किया, यह बताते हुए कि वे कई दिनों से अपनी बहन और उसके पति से संपर्क करने में असफल हो रहे थे. महिला का एक बेटा भी था, जो मानसिक रूप से विकलांग बताया जा रहा है और पहले ही कुछ दिन से उसकी मानसिक स्थिति बिगड़ी हुई थी.
पुलिस ने जानकारी दी कि महिला का शव बुरी तरह से सड़ चुका था और उसके शरीर पर कोई बाहरी चोट के निशान नहीं मिले हैं. डॉक्टरों का कहना है कि उनकी मौत स्वाभाविक लगती है, लेकिन पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट के बाद ही मौत का सही कारण स्पष्ट हो सकेगा.
पुलिस के मुताबिक, महिला का बेटा जो मानसिक बीमारी से जूझ रहा है, घर के बाहर बैठा था और जब रिश्तेदारों ने उसे दरवाजा खोलने के लिए कहा, तो उसने दरवाजा खोलने से इंकार कर दिया. पुलिस ने मौके पर पहुंचकर दरवाजा तोड़ा और अंदर का मंजर देखा. महिला का शव बिस्तर पर पड़ा था और उसका पति बेहद कमजोर और गंभीर स्थिति में था. उसे तुरंत AIIMS अस्पताल में भर्ती कराया गया.
जब पुलिस ने बेटे से पूछताछ की, तो उसने पहले यह कहा कि उसके माता-पिता सो रहे थे, लेकिन बाद में उसने यह स्वीकार किया कि वह और उसके माता-पिता घर में चार-पांच दिन से बिना भोजन के बंद थे. पुलिस का कहना है कि बेटे ने अपने माता-पिता को भूखा रखा, लेकिन मामले की सटीक जानकारी पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट के बाद ही मिल सकेगी.
पुलिस ने बताया कि महिला के विदेश में रहने वाली बेटी ने कई बार अपने माता-पिता से संपर्क करने की कोशिश की थी, लेकिन जब कोई जवाब नहीं मिला, तो उन्होंने अपने मामा को सूचित किया, जो पास में ही रहते थे. इसके बाद पुलिस को सूचित किया गया और कार्रवाई की गई.
वर्तमान में, पुलिस ने मामले में जांच शुरू कर दी है और आरोपी बेटे को IHBAS (Institute of Human Behaviour and Allied Sciences) भेज दिया गया, जहां उसका इलाज चल रहा है. पुलिस ने अभी तक इस मामले में एफआईआर दर्ज नहीं की है, क्योंकि पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट का इंतजार किया जा रहा है. यह घटना न केवल एक परिवार के लिए एक बड़ी त्रासदी है, बल्कि यह मानसिक बीमारी के विषय पर भी गंभीर सवाल उठाती है.