menu-icon
India Daily

दिल्ली-NCR में AQI ने 'गंभीर' स्तर को भी किया पार, लागू हुआ GRAP-4; स्कूलों के लिए आये ये निर्देश

दिल्ली एनसीआर में एक्यूआई गंभीर स्तर पर पहुंचने के बाद ग्रैप 4 लागू किया गया है. निर्माण कार्य बंद हैं, वाहन प्रतिबंध लगे हैं और स्कूलों को हाइब्रिड मोड में चलाने के निर्देश दिए गए हैं.

auth-image
Edited By: Km Jaya
Delhi pollution India daily
Courtesy: Pinterest

नई दिल्ली: दिल्ली एनसीआर में वायु प्रदूषण ने गंभीर स्तर पार कर लिया है, जिसके बाद ग्रेडेड रिस्पॉन्स एक्शन प्लान के तहत स्टेज 4 यानी ग्रैप 4 की सबसे सख्त पाबंदियां लागू कर दी गईं. आधिकारिक आंकड़ों के अनुसार शनिवार शाम चार बजे एक्यूआई 431 था जो छह बजे तक बढ़कर 441 पहुंच गया. रात होते होते प्रदूषण और बढ़ा और 14 दिसंबर की रात 12 बजे एक्यूआई 460 दर्ज किया गया जो गंभीर प्लस श्रेणी में आता है.

प्रदूषण में इस तेजी से बढ़ोतरी को देखते हुए कमीशन फॉर एयर क्वालिटी मैनेजमेंट ने तुरंत फैसला लेते हुए ग्रैप 4 लागू करने का आदेश दिया. यह फैसला ग्रैप 3 लागू होने के कुछ ही घंटों बाद लिया गया. सीपीसीबी के आंकड़ों के मुताबिक आनंद विहार में एक्यूआई 488 तक पहुंच गया जिससे पूरा इलाका जहरीले स्मॉग की चपेट में आ गया. 

क्या है प्रदूषण बढ़ने की मुख्य वजह?

इंडिया गेट और कर्तव्य पथ पर भी घना धुंध और धुआं देखने को मिला जहां एक्यूआई 407 रिकॉर्ड किया गया. CAQM के अनुसार प्रदूषण बढ़ने की मुख्य वजह हवा की रफ्तार का बेहद कम होना, वातावरण में ठहराव और मौसम की प्रतिकूल स्थिति रही जिससे प्रदूषक तत्व जमीन के पास ही फंसे रहे. इस हालात ने हवा की गुणवत्ता को तेजी से बिगाड़ दिया.

स्कूलों को लेकर क्या आया निर्देश?

ग्रैप 4 के तहत दिल्ली एनसीआर में निर्माण और तोड़फोड़ से जुड़े सभी कामों पर पूरी तरह रोक लगा दी गई है. स्टोन क्रशर, खनन और इससे जुड़ी सभी गतिविधियों को भी बंद करने के आदेश दिए गए हैं. छोटे बच्चों की सेहत को ध्यान में रखते हुए कक्षा 5 तक के स्कूलों को हाइब्रिड मोड में चलाने के निर्देश दिए गए हैं.

वाहनों पर भी सख्त पाबंदियां लगाई गई हैं. बीएस 3 पेट्रोल और बीएस 4 डीजल चार पहिया वाहनों की आवाजाही पर रोक रहेगी. यह प्रतिबंध केवल दिल्ली ही नहीं बल्कि गुरुग्राम, फरीदाबाद, गाजियाबाद और गौतम बुद्ध नगर में भी लागू होंगे.

कर्मचारियों के लिए क्या आया निर्देश?

सरकारी और निजी दफ्तरों को 50 प्रतिशत क्षमता पर काम करने के निर्देश दिए गए हैं जबकि बाकी कर्मचारियों को वर्क फ्रॉम होम करना होगा. यह आदेश पर्यावरण संरक्षण अधिनियम 1986 की धारा 5 के तहत जारी किया गया है. स्वास्थ्य विशेषज्ञों ने लोगों को सलाह दी है कि वे सुबह और शाम के समय बाहर निकलने से बचें. बच्चों, बुजुर्गों और पहले से बीमार लोगों के लिए यह स्थिति बेहद खतरनाक मानी जा रही है.

Topics