दिल्ली प्रदूषण नियंत्रण समिति ने दिल्ली में पटाखों के इस्तेमाल पर तत्काल प्रभाव से प्रतिबंध लगा दिया है. ये प्रतिबंध एक साल तक लगाया गया है. इसी के साथ किसी भी बीजेपी शासित राज्य में पहली बार इस तरह का बैन लगाया है. डीपीसीसी ने बताया कि राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र(एनसीटी) में सभी प्रकार के पटाखों के निर्माण, भंडारण, बिक्री और फोड़ने पर एक साल के लिए व्यापक और तत्काल प्रतिबंध लगाया गया है.
पर्यावरण (संरक्षण) अधिनियम 1986 के तहत ये प्रतिबंध लागू किया गया है. अधिनियम की धारा 5 के तहत इसे सार्वजनिक रूप से जारी किा गया. ये निर्देश सभी व्यक्तियों, संगठनों और संस्थानों पर लागू होता है, जिसका सबको अनिवार्य रूप से पालन करना होगा. इस प्रतिबंध का उल्लघंन करने वालों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाएगी.
पटाखों को लेकर दिल्ली के सभी लोगों की भागेदारी सुनिश्चित हो. इसके लिए कोई भी दिल्ली का निवासी इस प्रतिबंध के उल्लंघन की रिपोर्ट कई माध्यमों से कर सकते हैं. इसमें ध्वनि प्रदूषण शिकायत निवारण वेब पोर्टल, ग्रीन दिल्ली मोबाइल ऐप, हेल्पलाइन नंबर 155271, या फिर आपातकालीन प्रतिक्रिया सहायता प्रणाली (ईआरएसएस) पर 112 नंबर डायल करना शामिल है.
दिल्ली प्रदूषण नियंत्रण समिति के इस कदम को वायु प्रदूषण की समस्या के निपटने के बड़े कदम के रूप में देखा जा रहा है. राजधानी में जाड़ों के मौसम में खासकर कड़ाके की ठंड के महीनों में प्रदूषण का स्तर काफी बढ़ जाता है. आपको बता दे कि पिछले साल जब दिल्ली में आम आदमी पार्टी की सरकार थी. तो उसने भी पटाखों पर इसी तरह का पूर्ण प्रतिबंध लगाया था.
बीजेपी सांसद मनोज तिवारी ने साल 2024 में आप के बैन के लगाने के फैसले का पुरजोर विरोध किया था. उन्होंने इसे दिल्लीवालों की भावनाओं के विरुद्ध बताया था. इसके साथ ही उन्होंने वादा किया था दिल्ली में बीजेपी की सरकार आने पर यह प्रतिबंध हटा दिया जाएगा. दिल्ली पुलिस ने भी शुक्रवार ई-कॉमर्स और सोशल मीडिया मंचों को निर्देश दिया था कि तुरंत पटाखों की ऑनलाइन बिक्री बंद करें.