दिल्ली पर प्रदूषण का साया गहराया, 150 दिन जहरीली हवा में बीता साल, चेक करें आज का AQI

दिल्ली में प्रदूषण का संकट गहराता जा रहा है और इस साल अब तक 150 दिन हवा खराब श्रेणी में रही है. औसत एक्यूआई 334 के साथ बहुत खराब स्थिति में बना हुआ है.

GEMINI
Reepu Kumari

नई दिल्ली: राजधानी दिल्ली में जहरीली हवा ने एक बार फिर आम लोगों की परेशानी बढ़ा दी है. सुबह से आसमान में धुंध छाई हुई है और सांस लेना कठिन महसूस हो रहा है. हाल के दिनों में प्रदूषण का स्तर बेहद भयावह रहा है.

हालांकि तेज धूप और हल्की हवाओं से प्रदूषण में थोड़ा सुधार हुआ है, लेकिन हालात अब भी चिंताजनक बने हुए हैं. विशेषज्ञों के मुताबिक, फिलहाल हालात सामान्य होने में समय लगेगा.

बढ़ता एक्यूआई और बिगड़ती स्थिति

केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के अनुसार, बुधवार को दिल्ली का औसत एक्यूआई 334 दर्ज किया गया, जो बहुत खराब श्रेणी में आता है. एक दिन पहले यह 354 था, यानी 24 घंटे में करीब 20 अंकों का सुधार हुआ है. इसके बावजूद हवा अभी भी स्वास्थ्य के लिए सुरक्षित नहीं मानी जा सकती. सुबह के समय धुंध के कारण दृश्यता कम रही.

इलाकों में अलग-अलग स्तर पर प्रदूषण

सुबह सात बजे तक विवेक विहार और आनंद विहार में एक्यूआई 411 और 416 के साथ गंभीर श्रेणी में रहा. जहांगीरपुरी और वजीरपुर में भी हालात गंभीर बने रहे. मुंडका, रोहिणी, नरेला और पंजाबी बाग में प्रदूषण बेहद खराब स्तर पर दर्ज किया गया. एनसीआर के नोएडा, गाजियाबाद और ग्रेटर नोएडा में भी हवा खराब रही.

मानकों से कई गुना ज्यादा जहरीली हवा

सीपीसीबी के मुताबिक, दिल्ली-एनसीआर में पीएम 10 का औसत स्तर 253 और पीएम 2.5 का स्तर 151 माइक्रोग्राम प्रति घन मीटर रहा. तय मानकों के अनुसार, पीएम 10 को 100 और पीएम 2.5 को 60 से नीचे होना चाहिए. मौजूदा आंकड़े बताते हैं कि हवा मानकों से ढाई गुना ज्यादा प्रदूषित है.

राहत की उम्मीद फिलहाल नहीं

मौसम विभाग का कहना है कि अगले तीन दिनों तक प्रदूषण से खास राहत मिलने की संभावना नहीं है. कमजोर हवाएं और मौसम की स्थिरता प्रदूषकों को हवा में ही रोक रही हैं. विशेषज्ञों का मानना है कि लोगों को सावधानी बरतने और गैर जरूरी बाहर निकलने से बचने की जरूरत है.

150 दिन खराब हवा का रिकॉर्ड

इस साल दिल्ली में खराब हवा वाले दिनों की संख्या 150 तक पहुंच गई है, जो पिछले तीन वर्षों में सबसे ज्यादा है. 2023 और 2024 में 16 दिसंबर तक ऐसे दिन 144 थे. यानी इस बार लोगों को छह दिन ज्यादा प्रदूषित हवा में सांस लेनी पड़ी है. यह आंकड़ा राजधानी के लिए गंभीर चेतावनी माना जा रहा है.

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