Delhi Air Quality Today: दिवाली के दो दिन बाद भी दिल्ली की हवा में जहरीलापन बना हुआ है. बुधवार, 22 अक्टूबर को राजधानी का औसत वायु गुणवत्ता सूचकांक (AQI) 345 दर्ज किया गया, जो बेहद खराब श्रेणी में आता है. सुबह के समय शहर के कई इलाकों में घना धुंधलका छाया रहा और अशोक विहार, बवाना तथा दिलशाद गार्डन जैसे क्षेत्रों में AQI 380 के पार पहुंच गया. वहीं, डीटीयू, लोधी रोड और आईजीआई एयरपोर्ट जैसे इलाकों में स्थिति थोड़ी बेहतर रही, जहां AQI 300 से नीचे दर्ज किया गया.
वायु प्रदूषण के बढ़ते स्तर को देखते हुए वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग (CAQM) ने ग्रेडेड रिस्पांस एक्शन प्लान (GRAP) के चरण 2 को लागू रखा है. इसके तहत सड़कों पर पानी का छिड़काव, वैक्यूम स्वीपिंग, निर्माण स्थलों पर धूल नियंत्रण और सार्वजनिक परिवहन की आवृत्ति बढ़ाने जैसे उपाय जारी हैं. आयोग ने अधिकारियों को निर्बाध बिजली आपूर्ति और डीजी सेटों के नियंत्रित संचालन को सुनिश्चित करने के भी निर्देश दिए हैं ताकि हवा में धूल और धुएं का स्तर और न बढ़े.
वायु प्रदूषण के बढ़ते स्तर को देखते हुए वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग (CAQM) ने ग्रेडेड रिस्पांस एक्शन प्लान (GRAP) के चरण 2 को लागू रखा है. इसके तहत सड़कों पर पानी का छिड़काव, वैक्यूम स्वीपिंग, निर्माण स्थलों पर धूल नियंत्रण और सार्वजनिक परिवहन की आवृत्ति बढ़ाने जैसे उपाय जारी हैं. आयोग ने अधिकारियों को निर्बाध बिजली आपूर्ति और डीजी सेटों के नियंत्रित संचालन को सुनिश्चित करने के भी निर्देश दिए हैं ताकि हवा में धूल और धुएं का स्तर और न बढ़े.
केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (CPCB) के अनुसार, 22 अक्टूबर को दिल्ली का औसत वायु गुणवत्ता सूचकांक (AQI) 345 दर्ज किया गया, जो बेहद खराब श्रेणी में आता है. विशेषज्ञों के मुताबिक, पटाखों के धुएं, वाहनों के उत्सर्जन और मौसम में नमी के कारण प्रदूषण का स्तर और बढ़ गया है. अगर स्थिति में जल्द सुधार नहीं हुआ तो राजधानी में सांस लेना और भी मुश्किल हो सकता है.
#WATCH | Visuals from the ITO as GRAP-2 invoked in Delhi.
— ANI (@ANI) October 22, 2025
The Air Quality Index (AQI) in the region was recorded at 361, in the 'Very Poor' category, this morning pic.twitter.com/4KEqIV2wRc
दिल्लीवासी प्रदूषित और जहरीली हवा में सांस लेना जारी रखे हुए हैं, ऐसे में शहर के कुछ इलाकों में सुबह 6:15 बजे वायु गुणवत्ता सबसे खराब स्तर पर पहुंच गई, जहां AQI 380 के आसपास था. इनमें अशोक विहार, बवाना और दिलशाद गार्डन शामिल हैं. ज्यादातर जगहों पर AQI 300 से 400 के बीच बेहद खराब दर्ज किया गया, जबकि कुछ जगहों पर, जैसे DTU, IGI एयरपोर्ट और लोधी रोड, का प्रदर्शन बेहतर रहा. इन जगहों पर AQI 300 से नीचे यानी खराब श्रेणी में दर्ज किया गया.
उच्च प्रदूषण स्तर के कारण, वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग (सीएक्यूएम) ने 19 अक्टूबर को ग्रेडेड रिस्पांस एक्शन प्लान (जीआरएपी) के चरण 2 को लागू किया, जो दिल्ली में अभी भी प्रभावी है.
प्रदूषण नियंत्रण के लिए, CAQM ने GRAP चरण 2 के तहत चिन्हित सड़कों पर प्रतिदिन यांत्रिक/वैक्यूम स्वीपिंग और पानी का छिड़काव करने का निर्देश दिया. इसके अलावा, आयोग ने पार्किंग शुल्क बढ़ाने, निर्माण और विध्वंस स्थलों पर धूल नियंत्रण उपायों को लागू करने और बस व मेट्रो सेवाओं जैसे सार्वजनिक परिवहन की आवृत्ति बढ़ाने का आह्वान किया. इसने अधिकारियों को निर्बाध बिजली आपूर्ति सुनिश्चित करने के भी आदेश जारी किए और बिजली संरक्षण के लिए सभी क्षेत्रों में डीजी सेटों के विनियमित संचालन के सख्त कार्यान्वयन का आह्वान किया.
सीएक्यूएम ने एक आधिकारिक बयान में कहा, 'सड़कों पर धूल को रोकने के लिए, विशेष रूप से हॉटस्पॉट, भारी यातायात गलियारों, संवेदनशील क्षेत्रों में, धूल को दबाने वाले पदार्थों के उपयोग के साथ-साथ पानी का छिड़काव (कम से कम हर दूसरे दिन, गैर-पीक घंटों के दौरान) सुनिश्चित करें और निर्दिष्ट स्थलों/लैंडफिल में एकत्रित धूल का उचित निपटान करें.'