नई दिल्ली: गोवा के एक नाइटक्लब में हुए भयानक अग्निकांड ने पूरे देश को हिला कर रख दिया. इस हादसे में 25 लोगों की जान चली गई. इसके बाद दिल्ली में भी आग की सुरक्षा को लेकर सख्ती बढ़ गई है.
दिल्ली फायर सर्विसेज के नए आंकड़े बताते हैं कि राजधानी के ज्यादातर होटल, क्लब और बैंक्वेट हॉल में फायर सेफ्टी की एनओसी नहीं है. यह स्थिति बहुत चिंताजनक है.
दिल्ली में सैकड़ों होटल चल रहे हैं लेकिन दिल्ली फायर सर्विसेज के रिकॉर्ड के मुताबिक सिर्फ 52 होटलों के पास ही वैध फायर सेफ्टी एनओसी है. बाकी होटल या तो बिना एनओसी के चल रहे हैं या उनकी एनओसी खत्म हो चुकी है.
दिल्ली में 150 से ज्यादा क्लब हैं लेकिन इनमें से सिर्फ 38 क्लबों ने ही फायर सेफ्टी की वैध एनओसी ली हुई है. हर वीकेंड हजारों लोग इन क्लबों में पार्टी करने जाते हैं लेकिन ज्यादातर जगहों पर आग से बचने के इंतजाम नाममात्र के हैं.
राजधानी में 347 बैंक्वेट हॉल हैं. इनमें से सिर्फ 215 के पास ही वैध एनओसी है. शादी-समारोह और बड़ी पार्टियों के लिए इस्तेमाल होने वाले इन हॉल में भी सुरक्षा के मानक पूरे नहीं किए जा रहे.
नियम के अनुसार 90 वर्ग मीटर से ज्यादा क्षेत्रफल वाले हर होटल, रेस्तरां, बार और क्लब को फायर एनओसी लेनी जरूरी है. यह एनओसी तीन साल के लिए वैध होती है. 90 वर्ग मीटर से छोटी जगहों को एनओसी की जरूरत नहीं लेकिन उन्हें शपथ-पत्र देना होता है कि उनके पास अग्निशमन यंत्र, अलार्म और आपातकालीन निकासी के रास्ते मौजूद हैं.
नया साल आने में अब चंद दिन बाकी हैं. इन दिनों होटल, क्लब और बैंक्वेट हॉल में भीड़ बहुत रहती है. अगर सुरक्षा के इंतजाम ढीले रहे तो गोवा जैसा हादसा दिल्ली में भी हो सकता है. गोवा की घटना ने साफ बता दिया है कि लापरवाही कितनी भयानक हो सकती है.
गोवा हादसे के बाद नोएडा प्रशासन भी हरकत में आ गया है. मॉल और नाइटलाइफ वाली जगहों पर अचानक जांच शुरू हो गई है. गार्डन गैलेरिया मॉल में फायर विभाग, बिजली विभाग और आबकारी विभाग की टीमों ने सोमवार को छापा मारा.
कई बार और क्लबों की फायर सेफ्टी, बिजली के तार और लाइसेंस की जांच की गई. नियम तोड़ने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की चेतावनी दी गई है.
गोवा के अर्पोरा स्थित ‘बिर्च बाई रोमियो लेन’ क्लब में आग की शुरुआत अंदर फोड़े गए इलेक्ट्रिक पटाखों से हुई थी. क्लब में उस रात भारी भीड़ थी. जांच में पता चला है कि वहां कई नियमों का उल्लंघन हो रहा था और अधिकारी भी ढील बरत रहे थे.