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India Daily

केजरीवाल की बात हुई सच, विपक्ष की सरकारें गिराने के लिए केंद्र ला रहा कानून- सौरभ भारद्वाज

सौरभ भारद्वाज ने इस कानून के पीछे छिपे भाजपा के षड़यंत्र को उजागर करते हुए कहा कि पहले ये मुख्यमंत्री पर झूठा केस बनाएंगे, फिर ब्लैकमेल करेंगे और सीएम नहीं माना तो जेल में डालकर उसकी सरकार गिरा देंगे.

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Edited By: Sagar Bhardwaj
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आम आदमी पार्टी (AAP) के नेता सौरभ भारद्वाज ने केंद्र की मोदी सरकार पर विपक्षी सरकारों को अस्थिर करने का गंभीर आरोप लगाया. उन्होंने कहा कि नए विधेयक के जरिए भाजपा विपक्षी मुख्यमंत्रियों को झूठे मामलों में फंसाकर उनकी सरकारें गिराने की साजिश रच रही है. यह विधेयक गंभीर आपराधिक मामलों में 30 दिन तक जेल में रहने वाले नेताओं को पद से हटाने का प्रावधान करता है.

भाजपा की साजिश का पर्दाफाश

सौरभ भारद्वाज ने कहा, "पहले ये सीएम पर झूठा केस बनाएंगे, फिर ब्लैकमेल करेंगे और नहीं माना तो जेल में डालकर उसकी सरकार गिरा देंगे." उन्होंने बताया कि अरविंद केजरीवाल ने इस साजिश को पहले ही भांप लिया था. इसलिए, जेल से बाहर आने के बाद उन्होंने दिल्ली के मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा दे दिया, जिससे भाजपा की ‘आप’ को तोड़ने की योजना नाकाम हो गई.

केजरीवाल की दूरदर्शिता

भारद्वाज ने कहा, "अरविंद केजरीवाल, भाजपा की साजिश समझ गए थे, इसलिए जेल से बाहर आकर उन्होंने सीएम पद से इस्तीफा दिया." उन्होंने दावा किया कि यह साजिश नई नहीं है. केजरीवाल ने कई साक्षात्कारों में चेतावनी दी थी कि अगर उन्होंने इस्तीफा दे दिया, तो भाजपा ममता बनर्जी, स्टालिन जैसे नेताओं पर भी झूठे मुकदमे बनाकर उनकी सरकारें गिरा सकती है.

कानून का दुरुपयोग

‘आप’ की राष्ट्रीय प्रवक्ता प्रियंका कक्कड़ ने कहा, "मोदी सरकार के इस कानून में दोषी होना जरूरी नहीं, सिर्फ 30 दिन जेल में रखकर एक चुने हुए मुख्यमंत्री को हटा देंगे." उन्होंने केजरीवाल के 6 महीने की जेल का उदाहरण देते हुए कहा कि बिना सबूत के उन्हें हिरासत में रखा गया, और कोर्ट में ईडी-सीबीआई कोई सबूत पेश नहीं कर सकी. कक्कड़ ने चेतावनी दी कि इस कानून का पहला प्रहार टीडीपी और जेडीयू जैसी सहयोगी पार्टियों पर हो सकता है.

भाजपा का सत्ता मोह

कक्कड़ ने कहा, "भाजपा का सत्ता मोह खत्म नहीं हो रहा, मोदी सरकार के नए कानून का पहला प्रहार टीडीपी और जेडीयू पर होगा." उन्होंने आरोप लगाया कि यह विधेयक छोटी-मोटी एफआईआर के जरिए नेताओं को ब्लैकमेल करने या भाजपा में शामिल करने का हथियार बनेगा. इससे भ्रष्टाचार के आरोपों में भी सरकार को शर्मिंदगी नहीं उठानी पड़ेगी.