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Chhattisgarh Nun Arrest: 'हम कुछ बोल नहीं सकते...', छत्तीसगढ़ में ननों की गिरफ्तारी से ईसाई समुदाय क्यों हैं नाराज?

छत्तीसगढ़ में दो ननों की गिरफ्तारी के बाद ईसाई समुदाय में डर का माहौल है. उन पर मानव तस्करी और धर्मांतरण का आरोप है. चर्च और राजनीतिक नेताओं ने गिरफ्तारी की निंदा की है, वहीं सरकार ने कार्रवाई को उचित बताया है. मामला अब सियासी और सामाजिक दोनों मोर्चों पर चर्चा का केंद्र बना हुआ है.

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Edited By: Km Jaya
Chhattisgarh Nun Arrest
Courtesy: Social Media

Chhattisgarh Nun Arrest: छत्तीसगढ़ के दुर्ग रेलवे स्टेशन से दो ननों की गिरफ्तारी ने देशभर में ईसाई समुदाय के बीच चिंता और भय का वातावरण पैदा कर दिया है. असिसी सिस्टर्स ऑफ मैरी इमैक्युलेट यानी ASMI से जुड़ी सिस्टर प्रीति मैरी और वंदना फ्रांसिस को मानव तस्करी और जबरन धर्मांतरण के आरोपों में गिरफ्तार किया गया है. ये दोनों नन तीन युवतियों को आगरा के एक कॉन्वेंट में घरेलू काम दिलाने के लिए ले जा रही थीं.

न्यूजलॉन्ड्री के रिपोर्ट्स के मुताबिक घटना 26 जुलाई की है जब पुलिस ने दुर्ग स्टेशन से दोनों ननों को एक युवक सुखमन मंडावी के साथ गिरफ्तार किया. तीनों युवतियां नारायणपुर जिले की निवासी हैं और 18 से 19 वर्ष की आयु की हैं. दावा है कि उन्हें किचन हेल्पर के रूप में नौकरी के लिए ले जाया जा रहा था, और उनके पास अभिभावकों की लिखित सहमति भी थी.

पुलिस ने किया मामला दर्ज 

हालांकि, पुलिस ने मामला दर्ज किया है, जिसमें अधिकतम 10 साल की सजा हो सकती है. इस कार्रवाई के बाद रायपुर डायोसीज को ननों से मिलने की अनुमति नहीं दी गई और अब तक जमानत अर्जी भी दाखिल नहीं हो पाई है.

जबरन बयान बदलवाने का आरोप

एक अन्य नन ने बताया कि वे बेहद डरे हुए हैं और बोलने की स्थिति में नहीं हैं. उन्होंने आरोप लगाया कि बजरंग दल की नेता ज्योति शर्मा ने पुलिस थाने में ही एक लड़की से मारपीट की और उससे जबरन बयान बदलवाया. बाकी दो लड़कियों ने पुलिस को बताया कि वे स्वेच्छा से आई थीं.

संसद भवन के बाहर विरोध प्रदर्शन

ज्योति शर्मा का एक वीडियो भी वायरल है जिसमें वह ननों को धमका रही हैं. बाद में उन्होंने मीडिया से कहा कि मैं उन पर ही हाथ उठाती हूं जो हिंदू लड़कियों को धर्मांतरण के लिए ले जाते हैं. इस घटनाक्रम के बाद केरल से सांसदों ने संसद भवन के बाहर विरोध प्रदर्शन किया और रायपुर जाकर ननों से मिलने की कोशिश की.

 

महिला सुरक्षा जुड़ा मामला 

इस बीच मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने सोशल मीडिया पर लिखा कि मामला महिला सुरक्षा से जुड़ा है और इसकी न्यायिक जांच हो रही है. वहीं, मालंकारा ऑर्थोडॉक्स सीरियन चर्च के बिशप जीवरघीस मार कूरीलोस ने ईसाई नेताओं की चुप्पी की आलोचना की और कहा कि आरएसएस के एजेंडे को सहयोग मिल रहा है. उन्होंने कहा कि ईसाई समुदाय सत्ता के पक्ष में खड़ा होता रहा है, चाहे वो हिटलर हो या वर्तमान सरकार.