Chhattisgarh National Lok Adalat 2025: छत्तीसगढ़ में राष्ट्रीय लोक अदालत में बना रिकॉर्ड, जानें 739.48 करोड़ रुपये में कितने मामलों का निपटारा

छत्तीसगढ़ में आयोजित राष्ट्रीय लोक अदालत में 50 लाख से अधिक मामलों को लिया गया, जिनमें से 47 लाख से ज्यादा मामलों का निपटारा हुआ. कुल 739.48 करोड़ रुपये की राशि का निपटारा किया गया. रायपुर, बिलासपुर और दुर्ग में सबसे अधिक समझौता राशि दर्ज हुई.

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Km Jaya

Chhattisgarh National Lok Adalat 2025: छत्तीसगढ़ में शनिवार को आयोजित राष्ट्रीय लोक अदालत में बड़ी संख्या में मामले निपटाए गए. राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण यानी सीजी एसएलएसए द्वारा जारी आंकड़ों के अनुसार, कुल 50,04,156 मामलों में से 47,02,692 मामलों का निपटारा किया गया. इसमें 45,70,018 प्री-लिटिगेशन मामले और 1,32,674 लंबित मामले शामिल थे. कुल समझौता राशि 739.48 करोड़ रुपये रही.

लोक अदालत का आयोजन छत्तीसगढ़ उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश रमेश सिन्हा के मार्गदर्शन में किया गया, जो सीजी एसएलएसए के संरक्षक-प्रधान भी हैं. इस पूरे आयोजन की देखरेख कार्यकारी अध्यक्ष न्यायमूर्ति गौतम भादुड़ी ने की. जिला स्तर पर रायपुर ने सबसे अधिक 103.73 करोड़ रुपये के मामलों का निपटान किया. इसके बाद बिलासपुर में 95.03 करोड़ और दुर्ग में 79.03 करोड़ रुपये के मामले सुलझाए गए.

प्रमुख जिलों के आंकड़े इस प्रकार रहे:

बिलासपुर: 10,33,814 मामलों में से 10,13,358 का निपटारा, 95.03 करोड़ रुपये समझौता राशि.

रायपुर: 9,44,044 मामलों में से 9,37,305 का निपटारा, 103.73 करोड़ रुपये समझौता राशि.

दुर्ग: 6,48,910 मामलों में से 6,48,572 का निपटारा, 79.03 करोड़ रुपये समझौता राशि।

रायगढ़: 7,01,628 मामलों में से 6,81,568 का निपटारा, 93.02 करोड़ रुपये समझौता राशि.

सरगुजा: 2,39,810 मामलों में से 2,32,592 का निपटारा, 44.05 करोड़ रुपये समझौता राशि।

राजनांदगांव: 2,74,907 मामलों में से 2,71,474 का निपटारा, 26.01 करोड़ रुपये समझौता राशि।

महासमुंद: 70,282 मामलों में से 62,218 का निपटारा, 14.94 करोड़ रुपये समझौता राशि.

कोरबा: 4,74,591 मामलों में से 2,98,894 का निपटारा, 13.49 करोड़ रुपये समझौता राशि.

धमतरी: 1,06,214 मामलों में से 1,00,394 का निपटारा, 9.76 करोड़ रुपये समझौता राशि.

सुरजपुर: 82,774 मामलों में से 65,837 का निपटारा, 8.48 करोड़ रुपये समझौता राशि.

हजारों मामलों का समाधान 

अन्य जिलों जैसे बस्तर, बलोद, बलरामपुर-रामानुजगंज, दंतेवाड़ा, कांकेर, कबीरधाम और कोरिया ने भी हजारों मामलों का समाधान कराया. लोक अदालत राज्य में लंबित और प्री-लिटिगेशन मामलों के निपटारे की दिशा में एक ऐतिहासिक पहल साबित हुई. बड़ी संख्या में लोगों को न्याय सुलभ हुआ और आर्थिक विवादों का समाधान आपसी समझौते से संभव हो पाया.