छत्तीसगढ़ के बीजापुर जिले से नक्सल हिंसा की एक और दर्दनाक खबर सामने आई है. नक्सलियों ने रविवार देर रात बीजापुर के छुटवाई गांव में दो निर्दोष ग्रामीणों की धारदार हथियार से बेरहमी से हत्या कर दी. मारे गए ग्रामीणों की पहचान 55 वर्षीय कवासी जोगा और 50 वर्षीय मंगलू कुरसम के रूप में हुई है. इस नृशंस हत्याकांड से इलाके में दहशत का माहौल बन गया है.
पुलिस के अनुसार, इस वारदात को 4 से 5 अज्ञात माओवादियों ने अंजाम दिया. दोनों ग्रामीणों को तर्रेम थाना क्षेत्र के छुटवाई गांव में रात के अंधेरे में घेर कर धारदार हथियारों से मौत के घाट उतार दिया गया. घटनास्थल पर कोई नक्सली पर्चा नहीं मिला है, लेकिन पुलिस को शक है कि यह हत्या नक्सल विरोधी अभियानों से खार खाए माओवादियों की कायराना प्रतिक्रिया है.
सुरक्षा बलों की लगातार कार्रवाई और बढ़ते दबाव के चलते नक्सली संगठन बौखलाए हुए हैं. केंद्र और राज्य सरकारों की संयुक्त रणनीति के तहत बीजापुर समेत पूरे बस्तर संभाग में सघन एंटी-नक्सल ऑपरेशन चलाया जा रहा है. केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने मार्च 2026 तक नक्सलवाद को पूरी तरह समाप्त करने का लक्ष्य तय किया है. इसी क्रम में कई माओवादी आत्मसमर्पण भी कर चुके हैं, लेकिन कुछ उग्रवादी अब भी हिंसक रास्ता नहीं छोड़ रहे हैं.
इस ताजा हमले ने एक बार फिर यह साबित कर दिया है कि नक्सली अब सीधे ग्रामीणों को निशाना बनाकर अपना डर और दबदबा बनाए रखना चाहते हैं. पुलिस ने घटना की जांच शुरू कर दी है और हमलावरों की पहचान करने का प्रयास किया जा रहा है. नक्सली हिंसा की यह घटना न केवल सुरक्षा व्यवस्था के लिए चुनौती है, बल्कि यह ग्रामीणों के जीवन पर मंडरा रहे खतरे की गंभीर तस्वीर भी पेश करती है.