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'सीजफायर संभव नहीं, हथियार डाल दीजिए, पुलिस एक भी गोली नहीं चलाएगी', नक्सलियों को अमित शाह ने दिया कड़ा संदेश

अमित शाह ने दोहराया कि सरकार नक्सलवाद के खिलाफ कठोर कार्रवाई जारी रखेगी, लेकिन साथ ही प्रभावित क्षेत्रों में विकास को प्राथमिकता देगी. उन्होंने नक्सलियों से हथियार डालकर मुख्यधारा में शामिल होने की अपील की, ताकि क्षेत्र में शांति और समृद्धि स्थापित हो सके.

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Edited By: Sagar Bhardwaj
Amit Shah On Naxalism
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Amit Shah On Naxalism: केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने  एक बार फिर से नक्सलवाद के खिलाफ अपनी सरकार की दृढ़ नीति को स्पष्ट किया. उन्होंने कहा कि कुछ तत्वों ने भ्रामक पत्र लिखकर यह भ्रम फैलाने की कोशिश की है कि अब तक जो कुछ हुआ वह एक गलती थी, अब युद्धविराम विराम होना चाहिए और हम आत्मसमर्पण करना चाहते हैं.

शाह ने साफ शब्दों में कहा, "युद्धविराम की कोई आवश्यकता नहीं है. यदि आत्मसमर्पण करना है, तो हथियार डाल दें. पुलिस एक भी गोली नहीं चलाएगी." उन्होंने इस पत्र के बाद वामपंथी दलों की प्रतिक्रिया पर भी तंज कसा, जो ऑपरेशन ब्लैक फॉरेस्ट के खिलाफ बयानबाजी में जुट गए.

 शाह ने सवाल उठाया कि ये दल और गैर-सरकारी संगठन (NGO) नक्सलियों के मानवाधिकारों की बात तो करते हैं, लेकिन आदिवासी पीड़ितों के अधिकारों पर चुप क्यों रहते हैं?

आदिवासियों के प्रति चुनिंदा सहानुभूति पर सवाल

गृह मंत्री ने वामपंथी दलों और कुछ बुद्धिजीवियों की चुनिंदा सहानुभूति पर कड़ा प्रहार किया. उन्होंने पूछा, "जो लोग लंबे-लंबे लेख लिखकर हमें सलाह देते हैं, क्या उन्होंने कभी आदिवासी पीड़ितों के लिए एक भी लेख लिखा? उनकी सहानुभूति इतनी पक्षपातपूर्ण क्यों है?" शाह ने स्पष्ट किया कि नक्सलवाद के खिलाफ सरकार की कार्रवाई आदिवासियों के हित में है, जिन्हें नक्सली हिंसा ने सबसे अधिक नुकसान पहुंचाया है.

नक्सलवाद ने रोका विकास, विकास ने नहीं बढ़ाया नक्सलवाद

शाह ने उस तर्क को भी खारिज किया जिसमें कहा जाता है कि विकास की कमी के कारण नक्सलवाद पनपा. उन्होंने जोर देकर कहा, "नक्सलवाद विकास के कारण नहीं शुरू हुआ, बल्कि नक्सलवाद ने विकास को रोका." उन्होंने बताया कि 2014 से 2025 तक सरकार ने नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में 12 हजार किलोमीटर सड़कों का निर्माण किया है, जो क्षेत्र के विकास और समृद्धि का प्रतीक है.

सरकार की नीति: कठोर कार्रवाई, विकास का रास्ता

अमित शाह ने दोहराया कि सरकार नक्सलवाद के खिलाफ कठोर कार्रवाई जारी रखेगी, लेकिन साथ ही प्रभावित क्षेत्रों में विकास को प्राथमिकता देगी. उन्होंने नक्सलियों से हथियार डालकर मुख्यधारा में शामिल होने की अपील की, ताकि क्षेत्र में शांति और समृद्धि स्थापित हो सके.