बिलासपुर: छत्तीसगढ़ के बिलासपुर रेलवे स्टेशन के पास हुए भीषण ट्रेन हादसे में मरने वालों की संख्या 11 तक पहुंच गई है. मुख्यमंत्री विष्णु देव साई ने गहरा शोक व्यक्त करते हुए मृतकों के परिजनों के लिए ₹5 लाख तथा घायलों के लिए ₹50,000 की आर्थिक सहायता की घोषणा की. उन्होंने कहा कि राज्य सरकार इस कठिन समय में पीड़ित परिवारों के साथ खड़ी है.
साथ ही अधिकारियों को निर्देश दिए गए हैं कि घायलों के इलाज में किसी प्रकार की लापरवाही न हो. यह हादसा मंगलवार शाम उस वक्त हुआ जब एक मेमू पैसेंजर ट्रेन, कोरबा जिले के गेवरा से बिलासपुर की ओर आ रही थी और उसने पीछे से एक मालगाड़ी को टक्कर मार दी. इस भीषण टक्कर में कम से कम 20 यात्री घायल हो गए हैं.
बिलासपुर के पास हुई ट्रेन दुर्घटना अत्यंत दुःखद और पीड़ादायक है। इस त्रासदी में जिन्होंने अपने प्रियजनों को खोया है, उनके प्रति मैं गहरी संवेदना प्रकट करता हूँ। ईश्वर दिवंगत आत्माओं को शांति और शोकाकुल परिजनों को यह असहनीय दुख सहने की शक्ति प्रदान करें।
— Vishnu Deo Sai (@vishnudsai) November 4, 2025
राज्य सरकार ने निर्णय…
हादसे के तुरंत बाद मौके पर राहत और बचाव कार्य शुरू किया गया. बिलासपुर रेंज के आईजी संजीव शुक्ला ने बताया कि अब तक आठ शव निकाले जा चुके थे जिनमें चार महिलाएं और चार पुरुष शामिल थे, जबकि बाकी शव मलबा हटाने के बाद मिले. उन्होंने बताया कि बचाव अभियान अभी भी जारी है और मौतों की संख्या और बढ़ सकती है.
टक्कर इतनी जबरदस्त थी कि यात्री ट्रेन का एक डिब्बा मालगाड़ी के डिब्बे के ऊपर चढ़ गया. हादसे का स्थान बिलासपुर शहर से कुछ किलोमीटर दूर है, जहां दक्षिण पूर्व मध्य रेलवे (SECR) का मुख्यालय स्थित है. इस हादसे ने रेलवे सुरक्षा पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं. घायल यात्रियों को तुरंत बिलासपुर के अपोलो अस्पताल और छत्तीसगढ़ इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेज (CIMS) में भर्ती कराया गया. बिलासपुर कलेक्टर संजय अग्रवाल ने बताया कि एक यात्री की हालत नाजुक बनी हुई है. सभी घायलों को बेहतर इलाज देने के निर्देश दिए गए हैं.
रेलवे अधिकारियों ने हादसे के कारणों की जांच के आदेश दे दिए हैं. प्रारंभिक जांच में बताया जा रहा है कि मेमू ट्रेन के चालक को सिग्नल स्पष्ट रूप से नहीं दिखा, जिससे यह टक्कर हुई. रेलवे सुरक्षा टीम ने ब्लैक बॉक्स और सिग्नल रिकॉर्ड की जांच शुरू कर दी है. यह हादसा हाल के वर्षों में छत्तीसगढ़ का सबसे गंभीर ट्रेन हादसा बताया जा रहा है. हादसे के बाद क्षेत्र में शोक की लहर है और स्थानीय लोग भी बचाव कार्य में सहयोग कर रहे हैं. रेलवे प्रशासन ने मृतकों के शवों की पहचान प्रक्रिया तेज करने का आदेश दिया है.