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India Daily

भारत‌माला प्रोजेक्ट पर ED का शिकंजा! मुआवजे में गड़बड़ी को लेकर कई जगहों पर मारे ताबड़तोड़ छापे

ED ने भारतमाला प्रोजेक्ट के तहत रायपुर-विशाखापत्तनम सड़क के लिए जमीन के मुआवजे में गड़बड़ियों की जांच करते हुए रायपुर और महासमुंद में नौ जगहों पर छापा मारा.

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Edited By: Princy Sharma
भारत‌माला प्रोजेक्ट पर ED का शिकंजा! मुआवजे में गड़बड़ी को लेकर कई जगहों पर मारे ताबड़तोड़ छापे
Courtesy: Pinterest

छत्तीसगढ़: सोमवार को एक बड़ी कार्रवाई में प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने भारतमाला हाईवे प्रोजेक्ट से जुड़े एक घोटाले के सिलसिले में छत्तीसगढ़ में कई जगहों पर छापे मारे. ये छापे केंद्र सरकार की महत्वाकांक्षी इंफ्रास्ट्रक्चर योजना के तहत रायपुर और विशाखापत्तनम के बीच बन रही सड़क के लिए भूमि अधिग्रहण मुआवजे के भुगतान में संदिग्ध गड़बड़ियों से संबंधित हैं.

आधिकारिक सूत्रों के अनुसार, ED ने राज्य की राजधानी रायपुर और महासमुंद जिले में कम से कम नौ जगहों पर तलाशी अभियान चलाया. ये छापे इस बात की चल रही जांच का हिस्सा हैं कि भूमि अधिग्रहण प्रक्रिया के दौरान भूस्वामियों के लिए मुआवजे की राशि का दुरुपयोग किया गया या उसे गलत तरीके से बांटा गया.

क्या है मामला?

मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, यह मामला रायपुर-विशाखापत्तनम इकोनॉमिक कॉरिडोर के लिए अधिग्रहित भूमि के मुआवजे के भुगतान में वित्तीय अनियमितताओं से जुड़ा है, जो भारतमाला प्रोजेक्ट का एक अहम हिस्सा है. जांचकर्ता यह जांच कर रहे हैं कि क्या नियमों का उल्लंघन किया गया और क्या इस प्रक्रिया के दौरान सरकारी पैसे का गबन किया गया.

इन अधिकारियों पर लगा आरोप

अधिकारियों ने बताया कि छापे हरमीत सिंह खानूजा उनके सहयोगियों, कुछ सरकारी अधिकारियों और कुछ भूस्वामियों से जुड़े परिसरों पर मारे जा रहे हैं. ED को संदेह है कि इन लोगों ने अवैध वित्तीय लाभ के लिए भूमि रिकॉर्ड या मुआवजे की राशि में हेरफेर करने में भूमिका निभाई हो सकती है. बताया जा रहा है कि तलाशी के दौरान दस्तावेज, डिजिटल रिकॉर्ड और अन्य सबूतों की जांच की जा रही है.

क्या है भारतमाला प्रोजेक्ट भारत?

भारतमाला प्रोजेक्ट भारत के सबसे बड़े हाईवे विकास कार्यक्रमों में से एक है. इसका लक्ष्य देश भर में लगभग 26,000 किलोमीटर इकोनॉमिक कॉरिडोर बनाना है. ये कॉरिडोर कनेक्टिविटी को बेहतर बनाने, यात्रा के समय को कम करने और माल की आवाजाही को आसान बनाने के लिए डिजाइन किए गए हैं. उम्मीद है कि यह प्रोजेक्ट गोल्डन क्वाड्रिलेटरल और उत्तर-दक्षिण और पूर्व-पश्चिम कॉरिडोर जैसे प्रमुख मार्गों पर अधिकांश माल ढुलाई करेगा.

ED की जांच जारी 

इस प्रोजेक्ट में बड़े पैमाने पर भूमि अधिग्रहण और भारी वित्तीय निवेश शामिल है, इसलिए यह कई राज्यों में जांच के दायरे में आया है. अधिकारियों का कहना है कि भूस्वामियों के अधिकारों की रक्षा करने और भ्रष्टाचार को रोकने के लिए मुआवजे के भुगतान में पारदर्शिता और निष्पक्षता सुनिश्चित करना महत्वपूर्ण है. ED ने अभी तक इस मामले में कोई गिरफ्तारी नहीं की है, लेकिन अधिकारियों ने कहा कि जांच अभी भी जारी है और छापों से मिले नतीजों के आधार पर और कार्रवाई की जा सकती है. जांच जारी रहने पर और जानकारी सामने आने की उम्मीद है.