बिहार विधानसभा चुनाव से पहले महिलाओं पर इतना मेहरबान क्यों हो रहे नीतीश कुमार? खुला सबसे बड़ा राज
Nitish Kumar: बिहार में इसी साल विधानसभा चुनाव होने वाले हैं और इससे पहले नीतीश सरकार की कैबिनट ने महिलाओं को प्रतिमाह 10 हजार रूपए की आर्थिक मदद रोजगार के लिए देने का ऐलान किया है. ऐसे में इसके पीछे नीतीश कुमार की एक बड़ी चाल छिपी हुई है, जो चुनाव में गेमचेंजर साबित हो सकती है.
Nitish Kumar: बिहार में 2025 के विधानसभा चुनाव की तैयारियां जोरों पर हैं. इस बीच मुख्यमंत्री नीतीश कुमार द्वारा महिलाओं के लिए शुरू की गई योजनाओं और उनके प्रति दिखाई जा रही सक्रियता ने राजनीतिक गलियारों में चर्चा का बाजार गर्म कर दिया है.
ऐसे में सवाल उठता है कि आखिर नीतीश कुमार का महिलाओं पर इतना ध्यान क्यों है? इसके पीछे की वजह क्या है? बता दें कि आगामी विधानसभा चुनाव से पहले नीतीश सरकार का यह कदम चुनाव में गेमचेंजर साबित हो सकता है और हम इसी पर चर्चा करने वाले हैं.
महिलाओं का वोटिंग पावर
2020 के विधानसभा चुनाव में महिलाओं ने बिहार की सियासत में अपनी ताकत दिखाई थी. आंकड़े बताते हैं कि उस साल 59.7% महिलाओं ने मतदान किया, जबकि पुरुषों का वोटिंग प्रतिशत 54.6% रहा. यानी, मतदान केंद्रों पर महिलाओं की मौजूदगी पुरुषों से कहीं ज्यादा थी.
243 विधानसभा सीटों में से 167 सीटों पर महिलाओं का वोटिंग प्रतिशत पुरुषों से अधिक रहा. खासकर उत्तर बिहार के इलाकों में यह ट्रेंड साफ दिखा. कटिहार के प्राणपुर, मोतिहारी, ढाका, निर्मली, छातापुर, सिकटी, ठाकुरगंज, किशनगंज, कोचाधामन, वायसी और कस्बा जैसे 11 क्षेत्रों में तो महिलाओं का वोटिंग प्रतिशत 70% से भी ज्यादा था.
महिलाओं के लिए योजनाओं की बौछार
नीतीश कुमार ने हमेशा से महिलाओं को सशक्त बनाने की दिशा में कदम उठाए हैं. हाल ही में शुरू की गई मुख्यमंत्री महिला रोजगार योजना इसका ताजा उदाहरण है. इस योजना के तहत महिलाओं को अपने छोटे-मोटे व्यवसाय शुरू करने के लिए 10,000 रुपये की आर्थिक मदद दी जाएगी.
इसके अलावा लखपति दीदी योजना के तहत महिला उद्यमियों को 5 लाख रुपये तक का ब्याज मुक्त ऋण उपलब्ध कराया जा रहा है. इसके अलावा नीतीश सरकार ने जीविका समूह के जरिए करीब 14 करोड़ महिलाओं को आर्थिक और सामाजिक रूप से सशक्त बनाने का काम किया है.
2020 में एनडीए की जीत में महिलाओं का योगदान
2020 के विधानसभा चुनाव में एनडीए की जीत में महिला वोटरों का बड़ा हाथ रहा. एनडीए ने 90 ऐसी सीटों पर जीत हासिल की, जहां महिलाओं का वोटिंग प्रतिशत पुरुषों से ज्यादा था. इनमें से बीजेपी ने 55 और जेडीयू ने 37 सीटों पर कब्जा जमाया. इसके अलावा, बीजेपी की 9, राजद की 7 और जेडीयू की 6 महिला उम्मीदवारों ने जीत दर्ज की थी. यह साफ करता है कि महिलाएं न सिर्फ वोटर के रूप में बल्कि उम्मीदवार के रूप में भी बिहार की सियासत में अहम भूमिका निभा रही हैं.