menu-icon
India Daily

CJI पर कोर्ट में जूता फेंकने की कोशिश से टूट गए बिहार कांग्रेस अध्यक्ष राजेश राम! प्रेस कांफ्रेंस के दौरान फूट-फूटकर रोए

CJI पर जूते फेंकने की कोशिश की घटना पर बात करते हुए बिहार कांग्रेस अध्यक्ष रो पड़े और कहा कि हम जानते हैं कि समाज में इतनी ऊँचाई तक पहुँचने से पहले, एक व्यक्ति को कितने लंबे समय तक कितनी त्रासदियाँ और कितनी पीड़ा सहनी पड़ती है.

auth-image
Edited By: Kanhaiya Kumar Jha
Bihar PCC Chief rajesh ram
Courtesy: X

सुप्रीम कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश बीआर गवई पर जूते फेंकने की कोशिश का मामला तूल पकड़ता जा रहा है. देश के सभी राजनीतिक दलों व कई संगठनों ने इस घटना की निंदा की है. पीएम मोदी ने इस घटना की कड़े शब्दों में निंदा की है. वही इस घटना पर बात करते हुए बिहार कांग्रेस अध्यक्ष राजेश राम के आंसू छलक पड़े. रमेश राम, जो खुद दलित समुदाय से ताल्लुक रखते हैं उन्होंने कहा कि यह दर्द सभी दलितों को होता है. आपको बता दें कि न्यायमूर्ति गवई दलित समुदाय से मुख्य न्यायाधीश बनने वाले दूसरे व्यक्ति तथा पहले बौद्ध हैं. 

सदाकत आश्रम में आयोजित प्रेस वार्ता में राजेश राम ने कहा कि यह सुप्रीम कोर्ट पर हमला है और यह लाखों दलितों का अपमान है. CJI पर जूते फेंकने की कोशिश की घटना पर बात करते हुए बिहार कांग्रेस अध्यक्ष रो पड़े और कहा कि हम जानते हैं कि समाज में इतनी ऊँचाई तक पहुँचने से पहले, एक व्यक्ति को कितने लंबे समय तक कितनी त्रासदियाँ और कितनी पीड़ा सहनी पड़ती है. उसके बाद भी, जब समाज उसे स्वीकार नहीं करता, तो घर की चारदीवारी में भी अपमान महसूस होता है. 

विशेष विचारधारा को हजम नहीं हो रहा दलितों का आगे बढ़ना

राजेश राम ने कहा कि यह वही देश है, जहां बाबा साहेब डॉ. भीमराव अंबेडकर ने संविधान के माध्यम से हर व्यक्ति को समान अधिकार और सम्मान का हक़ दिया. आज जब एक दलित अपनी योग्यता और निष्ठा के बल पर देश की सर्वोच्च न्यायिक कुर्सी पर विराजमान है, तब एक विशेष विचारधारा को यह स्वीकार नहीं हो पा रहा है. प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष राजेश राम ने संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए कहा कि सर्वोच्च न्यायालय के माननीय मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति बीआर गवई पर जूता फेंकने की कोशिश का कृत्य केवल एक व्यक्ति पर हमला नहीं, बल्कि भारत के संविधान, उसकी आत्मा और सामाजिक न्याय के मूल्यों पर सीधा प्रहार है.