Bihar Election 2025: बिहार में चुनावी मौसम ने पूरी तरह रफ्तार पकड़ ली है. महागठबंधन में सीट बंटवारे को लेकर चल रही चर्चाओं और असहमति के बीच राजद नेता तेजस्वी यादव ने अब साफ कर दिया है कि वे राघोपुर से ही अपनी किस्मत आजमाएंगे.
यह वही सीट है, जहां से उनके पिता और राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव ने राजनीति की नई इबारत लिखी थी. तेजस्वी का दोबारा राघोपुर से मैदान में उतरना पार्टी कार्यकर्ताओं के लिए उत्साह और विपक्ष के लिए एक स्पष्ट संदेश है कि राजद अपने गढ़ को और मजबूत करने की तैयारी में है.
तेजस्वी यादव ने इस बार भी राघोपुर सीट को अपना चुनावी मैदान चुना है. उन्होंने घोषणा की है कि वे 15 अक्टूबर को नामांकन दाखिल करेंगे. राघोपुर सीट यादव परिवार के लिए भावनात्मक और राजनीतिक रूप से बेहद अहम मानी जाती है. लालू प्रसाद यादव ने भी इसी सीट से चुनाव लड़ा था और अब तेजस्वी उसी विरासत को आगे बढ़ा रहे हैं. इस बीच सोशल मीडिया पर उनके समर्थकों ने नामांकन के दिन को लेकर पोस्टर जारी किए हैं और लोगों से बड़ी संख्या में राघोपुर पहुंचने की अपील की है.
तेजस्वी के ऐलान के बावजूद महागठबंधन में सीट शेयरिंग पर पूरी सहमति नहीं बन पाई है. राजद लगभग 140 सीटों पर दावा कर रहा है, जबकि कांग्रेस और वाम दल इससे नाखुश बताए जा रहे हैं. सूत्रों के अनुसार, कुछ सीटों पर अब भी टकराव की स्थिति बनी हुई है. हालांकि तेजस्वी यादव ने कहा है कि 'सबकुछ ठीक है, और अगले एक-दो दिनों में सीट बंटवारे की औपचारिक घोषणा कर दी जाएगी.' राजद इस बात को सुनिश्चित करना चाहता है कि गठबंधन में किसी तरह की दरार न दिखे.
राजद ने तेजस्वी यादव के नामांकन के दिन को पार्टी शक्ति प्रदर्शन में बदलने की योजना बनाई है. पार्टी कार्यकर्ताओं से बड़ी संख्या में राघोपुर पहुंचने की अपील की गई है. इसे राजद के चुनावी अभियान की औपचारिक शुरुआत के रूप में भी देखा जा रहा है. पार्टी सूत्रों का कहना है कि इस कार्यक्रम में तेजस्वी खुद को मुख्यमंत्री पद के सबसे मजबूत दावेदार के रूप में प्रस्तुत करेंगे और भाजपा-जदयू गठबंधन के खिलाफ 'नौजवान बनाम व्यवस्था' की थीम पर चुनावी रणनीति आगे बढ़ाएंगे.
राघोपुर सीट बिहार की राजनीति में यादव परिवार की परंपरा का प्रतीक बन चुकी है. लालू यादव के बाद जब तेजस्वी ने पहली बार इस सीट से चुनाव लड़ा था, तो वे महागठबंधन सरकार में उपमुख्यमंत्री बने थे. अब वे दूसरी बार उसी सीट से अपनी साख आजमाने जा रहे हैं. राघोपुर को हमेशा से राजद का गढ़ माना गया है और तेजस्वी इस बार इसे 'विकास और युवाशक्ति' का प्रतीक बनाकर जनता के बीच उतरने की तैयारी में हैं.