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संजय की पेड टीम ने नेताओं को किया दरकिनार, जानें बिहार चुनाव में RJD की हार के पीछे कौन है जिम्मेदार

राजद की समीक्षा बैठक में सामने आया कि हार की सबसे बडी वजह हार की वजह संगठन और उम्मीदवारों के बीच तालमेल की कमी, संजय यादव की पेड टीम का दखल, स्थानीय नेताओं की अनदेखी और लालू परिवार में मतभेदों रहा.

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Edited By: Km Jaya
Tejashwi Yadav India daily
Courtesy: @TejashwiYdvRJD X account

पटना: राजद की करारी हार ने बिहार की राजनीति में कई सवाल खडे कर दिए हैं. पार्टी की अंदरुनी समीक्षा में यह साफ हुआ है कि हार की सबसे बडी वजह संगठन और प्रत्याशियों के बीच तालमेल की कमी रही. पार्टी के जिलास्तर और प्रखंड स्तर के नेताओं ने आरोप लगाया कि चुनाव अभियान में असली नेताओं को किनारे कर दिया गया. 

पूरा कंट्रोल सांसद तेजस्वी यादव के सलाहकार माने जाने वाले संजय यादव की पेड टीम के हाथ में दे दिया गया. यही टीम प्रत्याशियों का चयन, सर्वे और चुनाव रणनीति तैयार कर रही थी. नेताओं के अनुसार इस पेड टीम ने जिला और प्रखंड के अनुभवी नेताओं से कोई सलाह नहीं ली. रिपोर्ट सीधे शीर्ष नेतृत्व को भेज दी. 

क्या है हार की वजह?

इसी सर्वे के बाद 33 विधायकों का टिकट काट दिया गया. टिकट कटने के बाद कई विधायक बागी होकर दूसरे दलों या निर्दलीय मैदान में उतर गए. इससे पार्टी को नुकसान हुआ. नेताओं ने यह भी कहा कि चुनाव के दौरान कोई भी नेता जिलों की जगह सीधे एक पोलो रोड को रिपोर्ट करता रहा. इससे संगठन में निराशा फैल गई और कई पुराने कार्यकर्ता निष्क्रिय हो गए.

पार्टी के अंदर क्यों बढा असंतोष?

पार्टी के समर्पित नेताओं को किनारे कर राजनीतिक समझ न रखने वाले लोगों को जिम्मेदारी दे दी गई. इससे पार्टी के अंदर असंतोष बढा. आरोप यह भी लगा कि अभियान में स्थानीय कार्यकर्ताओं की जगह हरियाणा और दिल्ली से यूट्यूबर बुलाए गए. इससे जमीन से जुडे लोगों को लगा कि उनकी जरूरत नहीं है. तेज प्रताप यादव के निष्कासन और रोहिणी आचार्य की बगावत ने लालू परिवार में एकता को लेकर गलत संदेश भेजा. बैनर और पोस्टर से लालू प्रसाद को हटाने से समर्थकों में गहरी नाराजगी फैल गई.

क्या अव्यवहारिक वादे हैं जिम्मेदार?

चुनावी घोषणाओं में अव्यवहारिक वादे भी हार का बडा कारण बने. हर घर नौकरी जैसे वादे जनता को अवास्तविक लगे. माई बहिन योजना के फॉर्म भरवाने की जिम्मेदारी नेताओं को दी गई थी लेकिन उसे दिल्ली और हरियाणा से आई टीम को दे दिया गया. उस टीम पर पैसा लेने तक के आरोप लगे.

क्या तेजस्वी जमीनी हकीकत से थे अंजान?

सबसे अहम बात यह रही कि पार्टी के वरिष्ठ नेता भी तेजस्वी प्रसाद यादव से आसानी से नहीं मिल सके. नेताओं का कहना है कि तेजस्वी हमेशा टीम के साथ रहते थे, जिससे जमीनी हकीकत उनसे साझा नहीं हो पाई. प्रत्याशियों के चयन में हुई गलती ने यह संदेश दिया कि टिकट वितरण में भी खेल हुआ है. इन सभी वजहों से राजद को शर्मनाक हार का सामना करना पडा.