पटना: बिहार विधानसभा चुनाव में पहली बार किस्मत आजमा रही जन सुराज पार्टी को बड़ा झटका लगा है. पार्टी के संस्थापक और चुनावी रणनीतिकार से नेता बने प्रशांत किशोर (PK) अपनी पार्टी की हार के बाद पहली बार सामने आए और हार की पूरी जिम्मेदारी खुद ली. साथ ही उन्होंने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और जनता दल यूनाइटेड (जदयू) पर गंभीर आरोप लगाते हुए एक नई चुनौती भी दे डाली.
प्रशांत किशोर ने कहा कि जनता ने अपेक्षा अनुसार जन सुराज को समर्थन नहीं दिया और वे परिवर्तन नहीं ला सके. लेकिन उन्होंने साफ कहा कि वह पीछे नहीं हटेंगे और दोबारा मजबूती से वापसी करेंगे.
इसी दौरान प्रशांत किशोर ने नीतीश सरकार के बड़े चुनावी वादे पर सवाल उठाते हुए कहा कि यदि सरकार अपने वादे के अनुसार राज्य की 1.5 करोड़ महिलाओं को 2-2 लाख रुपये दे देती है, तो वह राजनीति छोड़ देंगे. उन्होंने कहा कि अगर नीतीश कुमार 1.5 करोड़ महिलाओं को 2 लाख रुपये दे दें और यह साबित कर दें कि जीत खरीदी नहीं गई है, तो मैं बिना किसी बहस के राजनीति से संन्यास ले लूंगा.
किशोर ने चुनाव से पहले दी गई अपनी उस चुनौती की भी याद दिलाई, जिसमें उन्होंने कहा था कि यदि जदयू 25 से ज्यादा सीटें जीतती है तो वे राजनीति छोड़ देंगे. उन्होंने कहा कि वोट खरीदे गए, नहीं तो जदयू 25 सीटों पर ही रुक जाती.
किशोर ने जदयू पर आरोप लगाया कि यदि हर विधानसभा क्षेत्र में 60,000 से अधिक लोगों को 10,000 रुपये न दिए जाते, तो पार्टी 25 सीटों से आगे नहीं बढ़ पाती. उनके मुताबिक यह रकम स्वरोजगार कार्यक्रम के नाम पर वोट खरीदने में इस्तेमाल की गई. उन्होंने सवाल उठाया कि ये साफ होना चाहिए कि यह सुविधा थी या वोट खरीदने का तरीका?
प्रशांत किशोर के दावों के विपरीत नीतीश कुमार की जदयू ने 101 सीटों पर चुनाव लड़कर 85 सीटें जीतीं. भाजपा ने भी बेहतरीन प्रदर्शन करते हुए 89 सीटें हासिल कीं. वहीं किशोर की जन सुराज पार्टी ने 243 सीटों पर उम्मीदवार उतारे थे, लेकिन एक भी सीट नहीं मिल सकी. चुनाव परिणाम पर उन्होंने कहा कि हमें बड़ा झटका लगा है, लेकिन हम सीखेंगे, सुधारेंगे और और मजबूत होकर लौटेंगे.
दो चरणों में संपन्न हुए इस चुनाव के नतीजे 14 नवंबर को आए, जिनमें एनडीए को स्पष्ट बहुमत मिला. गठबंधन 20 नवंबर को एक बार फिर सरकार बनाने की तैयारी में है.