बिहार सरकार की सैकड़ों एकड़ जमीन गायब थी. इसके बारे में विभाग तक को कोई अता- पता नहीं है, लकिन अब पर्यटन विभाग को खोई हुई जमीन मिल गई है. विभाग को 113 एकड़ 'लापता' भूमि का पता चला जो उसके पास थी, लेकिन उसे इसकी कोई जानकारी नहीं थी. विभाग के पास इसका कोई लिखित रिकॉर्ड भी नहीं था.
पर्यटन विभाग को सौ एकड़ से अधिक लापता जमीन मिली है.यह जमीन राज्य के कई शहरों में है. अधिकारियों के अनुसार यह भूमि या तो गैर मजरूआ या परित्यक्त भूमि थी या उस पर अतिक्रमण किया गया था. डेडिकेटेड अधिकारियों द्वारा खोज कर निकाली गई इस लापता जमीन पर विभाग अब पर्यटन की सुविधा का विस्तार करेगी. राज्य अपने पर्यटन क्षेत्र को बढ़ावा देने के लिए विशेष प्रयास कर रहा है.
बिहार के पर्यटन मंत्री नीतीश मिश्रा ने कहा हम पिछले 30 सालों से भूमि और राजस्व विभाग के साथ अपने संवाद का निरीक्षण कर रहे थे और इस उद्देश्य के लिए एक अधिकारी को नियुक्त किया था (तब यह खोज की गई थी). इस अभ्यास के बाद हमें इस भूमि का ब्लॉक और जिलावार विवरण मिला. 113 एकड़ में से 49 एकड़ नालंदा से आई है जो बिहार के सीएम नीतीश कुमार का गृह जिला है. इसके बाद सहरसा में 22 एकड़, मुंगेर में 13 एकड़, वैशाली में 12 एकड़ , भागलपुर में 9 एकड़ और पश्चिमी चंपारण में 5 एकड़ जमीन है.
मंत्री के अनुसार, इस साल की शुरुआत में गया में अतिक्रमित की गई लगभग 10 एकड़ ज़मीन को वापस लेने के दौरान पर्यटन विभाग को जनता के कुछ प्रतिरोध का सामना करना पड़ा था. मिश्रा ने कहा कि सरकारी अधिकारियों को उनके काम में बाधा डालने के लिए कुछ किसानों के खिलाफ़ एफ़आईआर दर्ज की गई थी. एक अधिकारी ने बताया कि विभाग अब इस नई खोजी गई ज़मीन का इस्तेमाल राजमार्गों के किनारे पर्यटक सुविधाओं के निर्माण के लिए करने की योजना बना रहा है.