पूर्णिया ज़िले के मुफस्सिल थाना क्षेत्र के तहत आने वाले टेटगामा गांव में अंधविश्वास ने इंसानियत को शर्मसार कर दिया. रामदेव उरांव नामक व्यक्ति के बेटे की मौत के बाद गांव वालों ने इसका दोष उसी गांव के एक परिवार पर मढ़ दिया और उन्हें 'डायन' करार दे दिया. इसके बाद गांव के कुछ लोगों ने मिलकर उस परिवार के पांच सदस्यों की नृशंस हत्या कर दी.
मारे गए लोगों की पहचान बाबू लाल उरांव, सीता देवी, मंजीत उरांव, रानिया देवी और तपतो मुसमत के रूप में हुई है. ये सभी एक ही परिवार के सदस्य थे. मीडिया रिपोर्ट के अनुसार रामदेव उरांव का बेटा तीन दिन पहले गांव में ही एक झाड़-फूंक (ओझाई) के दौरान मर गया था. साथ ही उसका दूसरा बेटा भी बीमार था. गांव वालों ने इसके पीछे टोने-टोटके और 'डायन' का हाथ बताकर आरोप उसी परिवार पर लगा दिया. इसके बाद भीड़ ने पहले उन्हें बुरी तरह पीटा और फिर आग के हवाले कर दिया.
इस हृदयविदारक घटना का इकलौता जीवित चश्मदीद है लालित, जो मारे गए परिवार का ही सदस्य है. उसने बताया कि भीड़ ने उनके पूरे परिवार को घेरकर पहले पीटा और फिर आग लगा दी. लालित ने किसी तरह भागकर अपनी जान बचाई. उसकी आंखों में खौफ था और उसने बताया कि जलाए जाने के बाद शवों को पानी में फेंक दिया गया था. घटना के बाद से कई ग्रामीण गांव छोड़कर भाग गए हैं.
घटना के बाद पुलिस मौके पर पहुंची और इलाके की घेराबंदी कर दी गई. डॉग स्क्वॉड और फॉरेंसिक साइंस लैब (एफएसएल) की टीम ने भी जांच शुरू कर दी है. पुलिस ने अब तक एक आरोपी नकुल कुमार को गिरफ्तार किया है, जिस पर गांव वालों को उकसाने का आरोप है. बाकी आरोपी फरार हैं और पुलिस उनकी तलाश कर रही है.