बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने हाल ही में रोहतास में एक राजनीतिक रैली के दौरान बड़ी चूक की, जब उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को गलती से पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी कह दिया. विशाल जनसमूह को संबोधित करते हुए नीतीश ने वर्तमान प्रधानमंत्री मोदी को भारत के पूर्व प्रधानमंत्री और भारतीय जनता पार्टी के संस्थापक अटल बिहारी वाजपेयी, जो 2018 में दिवंगत हो चुके हैं, के रूप में पेश किया.
मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, बिहार के सीएम नीतीश कुमार ने कहा, "जो भी हो, प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी. माफ कीजिए, उन्होंने पहले सेवा की थी. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आपके लिए जो भी कर रहे हैं, उनके लिए खड़े होकर तालियां बजाएं.
तुरंत सुधार की कोशिश
अनुभवी राजनेता नीतीश कुमार ने अपनी गलती को तुरंत सुधारने की कोशिश की और भीड़ से खड़े होकर प्रधानमंत्री मोदी को "प्रणाम" करने को कहा. हालांकि, यह चूक सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो गई और नीतीश कुमार के सार्वजनिक व्यवहार और स्वास्थ्य को लेकर पहले से चल रही चिंताओं को बढ़ा दिया.
तेजस्वी यादव ने नीतीश कुमार की 'मानसिक स्थिति' पर सवाल उठाए
विपक्षी नेता और राजद विधायक तेजस्वी यादव ने नीतीश कुमार की मानसिक स्थिति और राज्य का नेतृत्व करने की उनकी उपयुक्तता पर एक बार फिर सवाल उठाए. हाल ही में नीतीश उस समय भी आलोचना के पात्र बने थे, जब उन्होंने एक आधिकारिक कार्यक्रम में एक वरिष्ठ आईएएस अधिकारी द्वारा भेंट किए गए गमले को उनके सिर पर रख दिया था.
इस बीच राजद प्रवक्ता मृत्युंजय तिवारी ने इस घटना को "हैरान करने वाला और शर्मनाक" करार देते हुए कहा, "उनके व्यवहार से राज्य को शर्मिंदगी झेलनी पड़ रही है. यह दिखाता है कि उनका दिमाग उनके नियंत्रण में नहीं है. वे नौकरशाहों के एक समूह द्वारा नियंत्रित हो रहे हैं. वे बिहार के सबसे कमजोर मुख्यमंत्री हैं."
बिहार के विकास पर जोर
रोहतास में अपने संबोधन के दौरान नीतीश ने 2005 में सत्ता संभालने के बाद से बिहार की विकास यात्रा पर प्रकाश डाला. यह रैली प्रधानमंत्री मोदी के बिहार के दो दिवसीय दौरे का हिस्सा थी, जिसमें 48,500 करोड़ रुपये से अधिक की विकास परियोजनाओं का शुभारंभ और उद्घाटन शामिल था.