Bihar Elections 2025: बिहार चुनाव 2025 की सरगर्मियों के बीच लोक जनशक्ति पार्टी (रामविलास) के प्रमुख और केंद्रीय मंत्री चिराग पासवान ने महागठबंधन के नेताओं पर तीखा हमला बोला है. उन्होंने कहा कि महागठबंधन के नेता जनता से दूर हैं और केवल बयानबाजी में लगे हुए हैं, जबकि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार लगातार जमीन पर उतरकर प्रचार कर रहे हैं.
दरसअल, चिराग पासवान ने बुधवार को मीडिया से बातचीत में कहा कि उन्हें बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से कुछ सीखना चाहिए. वे उम्र के इस पड़ाव में भी जनता के बीच जाकर प्रचार कर रहे हैं. लेकिन महागठबंधन के नेता अपने एसी कमरों से बाहर निकलना भी नहीं चाहते. उन्हें जनता की जमीन पर उतरकर काम करना चाहिए.
जनता का विश्वास कैसे जीतेंगे?
उन्होंने आगे कहा कि विपक्षी दल सिर्फ बयान देकर राजनीति कर रहे हैं और जनता के मुद्दों से पूरी तरह कट चुके हैं. चिराग पासवान ने कहा कि महागठबंधन के नेता मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की तबीयत पर टिप्पणी कर रहे हैं, लेकिन वे खुद जनता के बीच जाने से डरते हैं. जो नेता घर से बाहर नहीं निकलते, वे जनता का विश्वास कैसे जीतेंगे? पासवान ने कांग्रेस नेता राहुल गांधी पर भी निशाना साधते हुए पूछा, “राहुल गांधी कहां हैं? क्या उन्हें बिहार की जनता से कोई लेना-देना नहीं? चुनाव सिर पर है, लेकिन कांग्रेस और राजद के बड़े नेता जनता के बीच दिखाई नहीं दे रहे. सिर्फ़ सोशल मीडिया पर सक्रिय रहना राजनीति नहीं है.”
#WATCH | Patna, Bihar | #BiharElection2025 | Union Minister Chirag Paswan says, "They should learn something from Bihar CM Nitish Kumar. He is campaigning. They should leave their AC rooms and go out to campaign. What are the leaders of Mahagathbandhan doing? No one is ready to… pic.twitter.com/wVUQ9KnES5
— ANI (@ANI) October 22, 2025
'विपक्ष केवल आलोचना में व्यस्त' चिराग पासवान
केंद्रीय मंत्री ने कहा कि एनडीए की एकजुटता और नीतीश कुमार की लोकप्रियता ही बिहार चुनाव में भाजपा-जदयू-लोजपा (रामविलास) गठबंधन की मजबूती है. हम जनता के मुद्दों पर बात कर रहे हैं. रोजगार, विकास, शिक्षा और स्वास्थ्य जबकि विपक्ष केवल आलोचना में व्यस्त है. जनता सब देख रही है और इस बार भी विकास की राजनीति को चुनेगी.
बिहार में 2025 के विधानसभा चुनाव की तैयारी में सभी दल जुट चुके हैं. मुख्यमंत्री नीतीश कुमार इन दिनों लगातार सभाएं और जनसंवाद कार्यक्रम कर रहे हैं. वहीं, महागठबंधन की ओर से अभी तक बड़े नेताओं के प्रचार अभियान की शुरुआत नहीं हुई है.
राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि चिराग पासवान की यह बयानबाजी न सिर्फ महागठबंधन पर दबाव बनाने की कोशिश है, बल्कि NDA के भीतर अपनी सक्रिय भूमिका को मजबूत करने की रणनीति भी है. बिहार में आने वाले महीनों में राजनीतिक गतिविधियां और तेज होने की संभावना है.