Bihar Elections 2025: बिहार विधानसभा चुनाव नजदीक आ रहे हैं, लेकिन सीटों का बंटवारा अभी तक तय नहीं हो पाया है. जिसके कारण महागठबंधन में कलह जारी है, जिसका NDA नेता मजे ले रहे हैं. राजस्थान के पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने दावा किया कि महागठबंधन पूरी तरह एकजुट है और कुछ सीटों पर हुए ‘फ्रेंडली फाइट’ को किसी भी तरह के मतभेद के तौर पर नहीं देखा जाना चाहिए.
पटना में राष्ट्रीय जनता दल (RJD) के सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव और पूर्व उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव से मुलाकात के बाद मीडिया से बातचीत में गहलोत ने कहा कि मैंने लालू जी और तेजस्वी जी से अच्छी चर्चा की है. कल एक प्रेस कॉन्फ्रेंस की जाएगी जिसमें मौजूदा स्थिति पर विस्तार से बताया जाएगा. महागठबंधन की सभी पार्टियां NDA के उम्मीदवारों के खिलाफ मिलकर चुनाव लड़ेंगी.
गहलोत ने कहा कि गठबंधन के भीतर किसी प्रकार का असंतोष नहीं है. उन्होंने कहा कि INDIA गठबंधन में सब कुछ ठीक है. मीडिया का कुछ हिस्सा जो रिपोर्ट कर रहा है, वह पूरी तरह सही नहीं है. विधानसभा की 243 सीटों में से केवल पांच से सात सीटों पर ‘फ्रेंडली फाइट’ होना कोई असामान्य बात नहीं है.
उन्होंने आगे बताया कि कांग्रेस नेता राहुल गांधी और तेजस्वी यादव जल्द ही एक साथ बिहार में चुनाव प्रचार की शुरुआत करेंगे. गहलोत ने कहा कि दूसरे राज्यों में भी ऐसी फ्रेंडली फाइट्स होती हैं. महागठबंधन पूरी मजबूती से बीजेपी और जेडीयू के खिलाफ चुनाव लड़ने जा रहा है.
चिराग पासवान न किया पलटवार
दूसरी ओर, केंद्रीय मंत्री और लोक जनशक्ति पार्टी (रामविलास) के प्रमुख चिराग पासवान ने महागठबंधन पर निशाना साधते हुए कहा कि NDA 14 नवंबर को बिहार में सरकार बनाएगा. चिराग ने तंज कसते हुए कहा कि उनके गठबंधन में जो कुछ चल रहा है, सब देख रहे हैं. राहुल गांधी और तेजस्वी यादव कहां हैं? क्या यह उनकी नैतिक जिम्मेदारी नहीं थी कि वे बैठकर गठबंधन के भीतर की दिक्कतों को दूर करते? इससे साफ है कि कांग्रेस इस गठबंधन को लेकर गंभीर नहीं है. महागठबंधन अगर अपनी पांच पार्टियों को साथ नहीं रख सकता, तो बिहार को कैसे साथ रखेगा?
उन्होंने कहा कि NDA की समय पर हुई सीट बंटवारे की घोषणा ने जनता के बीच सकारात्मक संदेश भेजा है.चिराग ने कहा कि माहौल पूरी तरह एकतरफा है. NDA ने समय पर सीट बंटवारा पूरा किया, जिससे जनता के बीच अच्छा संदेश गया. महागठबंधन अपनी एकता बनाए नहीं रख पा रहा है, इसलिए NDA अपेक्षा से बेहतर प्रदर्शन करेगा. जो गठबंधन अपने साथियों का ध्यान नहीं रख सकता, वह राज्य का ध्यान कैसे रखेगा? उन्होंने आगे कहा, “बिहार की जनता इन सवालों का जवाब मांग रही है. NDA के नेता 14 नवंबर को दीवाली मनाएंगे.”
तेजस्वी यादव की तैयारी और सीटों पर स्थिति
इधर, तेजस्वी यादव ने बुधवार को अपने चुनाव अभियान की रूपरेखा का ऐलान करते हुए बताया कि वे 24 अक्टूबर से प्रचार की शुरुआत करेंगे. उम्मीद जताई जा रही है कि गुरुवार को तेजस्वी को महागठबंधन का मुख्यमंत्री चेहरा घोषित किया जाएगा.
तेजस्वी ने कहा, “नामांकन की प्रक्रिया पूरी हो चुकी है और अब प्रचार शुरू होगा. हम 24 अक्टूबर से अपने अभियान की शुरुआत करेंगे. उन्होंने यह भी कहा कि महागठबंधन में किसी प्रकार का मतभेद नहीं है. गुरुवार को सभी सवालों के जवाब मिल जाएंगे.
इन 8 सीटों पर गठबंधन के भीतर ही होगा मुकाबला
हालांकि, राज्य की कम से कम आठ सीटों- नरकटियागंज, वैशाली, राजापाकर, रोसेरा, बछवारा, कहलगांव, बिहारशरीफ और सिकंदरा पर गठबंधन के भीतर ही मुकाबला होगा. यह स्थिति कांग्रेस, आरजेडी और वामदलों के बीच सीट बंटवारे पर असहमति के चलते बनी है.
सीट वितरण के अनुसार, कांग्रेस इस बार 61 सीटों पर चुनाव लड़ रही है, जो पिछली बार से नौ कम हैं. राजद ने 143 उम्मीदवार उतारे हैं, जबकि सीपीआई नौ, सीपीएम चार और सीपीआई (एमएल) लिबरेशन ने 20 सीटों पर अपने प्रत्याशी खड़े किए हैं. सीपीआई (एमएल) ने 2020 के चुनाव में 19 सीटों पर चुनाव लड़ा था और 12 पर जीत हासिल की थी.
पहला चरण 6 नवंबर और दूसरा चरण 11 नवंबर को. वोटों की गिनती 14 नवंबर को होगी, जिस दिन राज्य के राजनीतिक भविष्य का फैसला होगा. महागठबंधन जहां आंतरिक तालमेल के साथ चुनावी रणनीति को अंतिम रूप देने की कोशिश में है, वहीं NDA ने एकजुटता का प्रदर्शन करते हुए पहले ही मैदान में उतरने का दावा किया है. अब देखना यह होगा कि क्या अशोक गहलोत की “फ्रेंडली फाइट” की व्याख्या वाकई मतभेदों को दूर कर पाएगी या NDA का 'एकजुटता' वाला संदेश जनता के बीच ज्यादा प्रभावी साबित होगा.