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India Daily

हाथों में हथियार देखकर भागे थे अंग्रेज, सत्याग्रह आंदोलन पर बिहार के राज्यपाल का बड़ा सवाल, कहा-इतिहास दुरुस्त करने का सही समय

बिहार के राज्यपाल ने भारत को आजादी कैसे मिली? इस सवाल पर बड़ा बयान दिया है. उन्होंने कहा कि सिर्फ सत्याग्रह से भारत आजाद नहीं हुआ, बल्कि भारतीयों के हाथों हथियार देखकर अंग्रेज भागे थे. 

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Edited By: Kamal Kumar Mishra
Bihar Governor rajendra arlekar
Courtesy: x

Bihar Governor Rajendra Arlekar: बिहार के राज्यपाल राजेंद्र आर्लेकर ने गोवा में एक अहम बयान दिया, जिसमें उन्होंने कहा कि ब्रिटिश शासकों ने सत्याग्रह के कारण भारत छोड़ने का निर्णय नहीं लिया था. उनका कहना था कि जब अंग्रेजों ने भारतीयों के हाथों में हथियार देखे, तो उन्हें यह अहसास हुआ कि लोग अब किसी भी हद तक जा सकते हैं. तब अंग्रेजों ने भारत छोड़ने का फैसला लिया.

राज्यपाल ने बताया कि ब्रिटिश शासकों ने भारतीय स्वतंत्रता संग्राम की असली भावना को गलत तरीके से प्रस्तुत किया. आर्लेकर ने कहा, "आक्रमणकारियों ने एक कहानी गढ़ने की कोशिश की, लेकिन सच्चाई यह है कि भारतीय स्वतंत्रता संग्राम केवल सत्याग्रह के कारण नहीं, बल्कि हथियारों के साथ लड़ा गया था." 

समय आ गया है कि सही इतिहास को सामने लाया जाए

इस अवसर पर, उन्होंने गोवा पर पुर्तगाली आक्रमण की बात करते हुए यह भी कहा कि अब समय आ गया है कि इतिहास को सही परिप्रेक्ष्य में सामने लाया जाए. उन्होंने कांग्रेस की पिछली सरकारों पर आरोप लगाते हुए कहा कि भारतीय ऐतिहासिक अनुसंधान परिषद (ICHR) ने भारतीयों को गुलामी के लिए जन्म से बंधा हुआ बताया था और तत्कालीन सरकार ने इसे समर्थन दिया था.

गोवा इनक्विजिशन पर सवाल

राज्यपाल ने आनंदिता सिंह की पुस्तक 'भारत के उत्तर पूर्व में स्वतंत्रता संग्राम का संक्षिप्त इतिहास (1498 से 1947)' का उल्लेख करते हुए गोवा इनक्विजिशन का सवाल उठाया. उन्होंने कहा, "गोवा में कुछ लोग जब इस विषय पर बात करने की कोशिश करते हैं, तो परेशान हो जाते हैं." आर्लेकर ने गोवा के लोगों से अपील की कि वे अपनी जड़ों को पहचानें और सच्चे इतिहास को सामने लाने की कोशिश करें. 

गोवा लोगों से इतिहास लिखने की अपील

उन्होंने यह भी कहा कि हमें बिना डर के अपनी बात रखनी चाहिए और इतिहास को सही रूप में पेश करना चाहिए. आर्लेकर ने इस बात पर जोर दिया कि अगर गुवाहाटी जैसे स्थानों से लोग हमें अपना इतिहास बता सकते हैं, तो गोवा के लोग अपनी भूमि का सही इतिहास क्यों नहीं लिख सकते.