चुनाव से पहले NDA को लगा झटका, चिराग की पार्टी की प्रत्याशी का नामांकन रद्द
एनडीए गठबंधन को बिहार चुनाव से पहले बड़ा झटका लगा है. लोक जनशक्ति पार्टी की प्रत्याशी सीमा सिंह का नामांकन रद्द हो गया है. सीमा सिंह छपरा जिले की मढ़ौरा विधानसभा सीट से प्रत्याशी थीं.
Bihar Election: एनडीए गठबंधन को बिहार चुनाव से पहले बड़ा झटका लगा है. लोक जनशक्ति पार्टी की प्रत्याशी सीमा सिंह का नामांकन रद्द हो गया है. सीमा सिंह छपरा जिले की मढ़ौरा विधानसभा सीट से प्रत्याशी थीं. वह भोजपुरी सिनेमा की लोकप्रिय अभिनेत्री सीमा सिंह हैं. निर्वाचन प्रक्रिया की जांच में सामने आई दस्तावेजी कमियों ने चिराग पासवान की पार्टी को इस महत्वपूर्ण सीट पर बैकफुट पर धकेल दिया है.
बिहार में 243 सदस्यीय विधानसभा के लिए चुनाव दो चरणों में 6 और 11 नवंबर को होंगे, जबकि मतगणना 14 नवंबर को होगी. पार्टी नेतृत्व अब वैकल्पिक उम्मीदवार की तलाश में जुटा है, लेकिन नाम वापसी की अंतिम तारीख गुजर चुकी है, जिससे स्थिति और जटिल हो गई है.
तकनीकी खामी बनी बाधा, फॉर्म बी में गड़बड़ी
निर्वाचन अधिकारी की जांच रिपोर्ट के अनुसार, सीमा सिंह के नामांकन फॉर्म बी (Form B) में कुछ आवश्यक दस्तावेजों की कमी और तकनीकी त्रुटियां पाई गईं. उन्होंने नामांकन अंतिम दिन दोपहर लगभग तीन बजे दाखिल किया था, और निर्वाचन आयोग ने सुधार का अवसर दिया था, लेकिन शाम तक इसे ठीक न कर पाने के कारण पर्चा खारिज हो गया. इसके अलावा, बसपा के आदित्य कुमार, निर्दलीय अल्ताफ आलम राजू और एक अन्य उम्मीदवार के नामांकन भी रद्द हुए, लेकिन एनडीए के लिए सीमा का मामला सबसे ज्यादा चर्चा में है.
सीमा सिंह ने नामांकन के समय अपनी शैक्षणिक योग्यता (नौवीं कक्षा उत्तीर्ण) और संपत्ति का ब्योरा सार्वजनिक किया था, जिसमें उनके पति सौरभ कुमार की हिस्सेदारी भी शामिल थी. लाखों रुपये की संपत्ति के बावजूद, वे ग्रामीण क्षेत्रों में विकास के मुद्दों को उठाने का दावा करती रहीं.
भोजपुरी सितारे से राजनीतिक सिपाही तक का सफर
भोजपुरी फिल्म इंडस्ट्री में 'ग्लैमर क्वीन' के नाम से मशहूर सीमा सिंह ने हाल ही में राजनीति में कदम रखा. चिराग पासवान के साथ जुड़कर उन्होंने लोक जनशक्ति पार्टी (रामविलास) का प्रदेश महासचिव पद संभाला और मढ़ौरा सीट से टिकट हासिल किया. उनकी एंट्री को एनडीए ने दलित-मोबाइल वोट बैंक को मजबूत करने की रणनीति के रूप में देखा था, क्योंकि मढ़ौरा में पासवान समुदाय का अच्छा प्रभाव है. लेकिन यह अप्रत्याशित मोड़ पार्टी की उम्मीदों पर पानी फेर गया.
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