Bihar Assembly Elections 2025: बिहार विधानसभा चुनाव से पहले राज्य में सुरक्षा व्यवस्था बढ़ा दी गई है. खास कर सीमा से सटे इलाकों में सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किए गए हैं, जगह-जगह पर चेक पोस्ट लगाकर आने-जाने वाली गाड़ियों की जांच की जा रही है. जिसका नतीजा यह रहा कि कुछ महीनों के अंदर ही करोड़ो रुपए कैश, शराब और कई संदिग्ध वस्तुएं पकड़े गए हैं.
राज्य में जब्त की गई सामानों के आंकड़े की बात करें तो इस बार कई रिकॉर्ड टूटे हैं. मिल रही जानकारी के मुताबिक जुलाई के महीने से लेकर अभी तक में लगभग 270 करोड़ रुपए नकद और लगभग इतने ही मूल्य के अवैध वस्तुएं जैसे की सोना और चांदी जब्त किए गए हैं.
आबकारी विभाग की मानें तो इस दौरान 12 लाख लीटर अवैध शराब बरामद की गई है. जिसमें देशी और विदेशी दोनों तरह के शराब शामिल है. सबसे ज्यादा सामान सीवान, गोपालगंज और कटिहार समेत कई जिले से जब्त किया गया है. सीवान से लगभग डेढ़ लाख लीटर शराब पकड़े गए. वहीं सबसे ज्यादा कैश पटना में जब्त किए गए हैं. मिल रही जानकारी के मुताबिक ये कैश स्थानिय कार्यकर्ताओं से जुड़े गाड़ियों से पकड़े गए हैं. बिहार में पिछले 8 सालों से भी ज्यादा समय से शराबबंदी लागू है. इसके बाद भी लगातार शराब सप्लाई की जा रही है. इसे कई जिलों में राजनीतिक हथियार के रूप में इस्तेमाल किया जा रहा है. सुरक्षा व्यवस्था को देखते हुए पुलिस मुख्यालय ने 38 जिलों में विशेष निगरानी सेल बनाया है. हर जिले में दो नोडल अफसर को ड्यूटी पर तैनात किया गया है. ये अफसर हर दिन आयोग को रिपोर्ट भेज रहे हैं.
चुनावी माहौल में पुलिस द्वारा की जा रही सख्ती परिणाम पर असर डाल सकती है. मतदाताओं को शराब और पैसे से प्रभावित करने की कोशिश पर लगाम लगेगा, जिससे मुकाबला सीधा और साफ होने वाला है. पुलिस द्वारा की जा रही जांच के दौरान पैसे और शराब के साथ-साथ कुछ लोगों को भी गिरफ्तार किया गया है. हालांकि सभी पार्टियां और कार्यकर्ता इन गैर कानूनी सामानों से अपना पलड़ा झाड़ रहे हैं. ऐसे में यह सवाल उठने लगा है कि इन सब को राज्य में कौन मंगवा रहा है और इसे मंगवाने के पीछे का क्या मकसद है.