बिहार चुनाव में ‘बाहुबली ब्रिगेड’ की तूफानी वापसी! इन नेताओं ने जीत हासिल कर रचा इतिहास
बिहार चुनाव में इस बार भी बाहुबली नेताओं और उनके परिवारों का असर साफ दिखा. मोकामा के बाहुबली अनंत सिंह ने जेल में रहते हुए लगातार छठी जीत दर्ज की और RJD की वीणा देवी को बड़ी बढ़त से हराया.
बिहार: बिहार विधानसभा चुनाव में इस बार भी बाहुबली नेताओं और उनके परिवारों का दबदबा साफ दिखाई दिया. मोकामा के बाहुबली नेता अनंत सिंह, जिन्हें चुनाव अभियान के दौरान हुई एक हत्या के मामले में गिरफ्तार किया गया था. उन्हें जेल में रहने के बावजूद रिकॉर्ड छठी बार जीत दर्ज की. यह लगातार तीसरा चुनाव है जिसे उन्होंने जेल के अंदर से लड़कर जीता है. समर्थकों में 'छोटे सरकार' के नाम से मशहूर अनंत सिंह ने RJD की वीणा देवी को 28,206 वोटों से शिकस्त दी.
अनंत सिंह ही अकेले ऐसे बाहुबली नहीं थे जिन्होंने इस चुनाव में अपनी पकड़ मजबूत साबित की. कई अन्य बाहुबली नेताओं या उनके परिजनों ने भी जीत हासिल की, जबकि कुछ बड़े नामों को करारी हार का सामना करना पड़ा. नीचे जानिए इस चुनाव में बाहुबलियों का पूरा रिपोर्ट कार्ड
किसकी चमकी किस्मत?
- अनंत सिंह (JD(U), मोकामा): लगातार छठी बार जीत, RJD उम्मीदवार को 28,206 वोटों से हराया.
- राधा चरण सेठ (JD(U), संदेश): इस चुनाव की सबसे कांटे की टक्कर, सिर्फ 27 वोटों से जीत!
- बोगो सिंह (RJD, मटिहानी): JD(U) प्रत्याशी को 5,290 वोटों से हराया.
- विशाल प्रशांत (BJP, तरारी): बाहुबली सुनील पांडे के बेटे, 10,659 वोटों से जीत.
- ओसामा शहाब (RJD, रघुनाथपुर): दिवंगत मोहम्मद शहाबुद्दीन के बेटे, 9,248 वोटों से विजयी.
- केदार नाथ सिंह (BJP, बनियापुर): प्रभुनाथ सिंह के भाई, 15,436 वोटों के अंतर से जीते.
- चेतन आनंद (JD(U), नवीनगर): आनंद मोहन के बेटे, सिर्फ 112 वोटों से जीत पाई.
- अनिता (RJD, वारसलीगंज): आशोक महतो की पत्नी, 7,543 वोटों से विजयी.
किन बड़े नामों को मिली करारी हार?
- रीत लाल रॉय (RJD, दानापुर): BJP के राम कृपाल यादव से 29,188 वोटों से हार.
- कर्णवीर सिंह यादव (RJD, बाढ़): BJP के सियाराम सिंह से 24,813 वोटों से पराजित.
- हुलास पांडे (LJP–RV, ब्रह्मपुर): सुनील पांडे के भाई, 3,220 वोटों से हार.
- बिमला भारती (RJD, रूपौली): इस चुनाव की सबसे बड़ी हार, 73,572 वोटों के अंतर से.
- शिवानी शुक्ला (RJD, लालगंज): मुन्ना शुक्ला की बेटी, 32,167 वोटों से पराजित.
बिहार चुनाव के नतीजों ने एक बार फिर साबित कर दिया कि प्रदेश की राजनीति में बाहुबली नेताओं की पकड़ अब भी बेहद मजबूत है. कुछ हारों के बावजूद कई बड़े नामों और उनके परिवारों ने प्रभावशाली जीत दर्ज की, जिसमें जेल में बंद नेताओं तक ने अपना प्रभाव कायम रखा.