करुण नायर ने 7 साल के बाद टेस्ट क्रिकेट में वापसी की है. इतने लंबे समय तक टीम से बाहर रहने के बाद वापसी करना आसान नहीं होता, लेकिन नायर ने कर दिखाया. करुण नायर ने कहा है कि राष्ट्रीय टीम से दूर रहने के दौरान उनके खराब प्रदर्शन के कारण उन्हें संन्यास लेने की सलाह दी गई थी.
2022 के घरेलू सत्र के बाद, नायर को कर्नाटक टीम से भी बाहर कर दिया गया. इसके बाद दाएं हाथ के बल्लेबाज ने नॉर्थम्पटनशायर के साथ काउंटी चैंपियनशिप अनुबंध मिलने से पहले लगभग 14 महीने तक कोई प्रतिस्पर्धी क्रिकेट नहीं खेला. नायर ने खुलासा किया कि एक प्रमुख भारतीय क्रिकेटर ने कहा कि टी20 लीग पर ध्यान केंद्रित करने के लिए संन्यास लेना उन्हें वित्तीय सुरक्षा प्रदान करेगा.
नायर ने डेली मेल को दिए इंटरव्यू में बताया कि मुझे अभी भी याद है कि एक प्रमुख भारतीय क्रिकेटर ने मुझे फोन करके कहा था कि तुम्हें संन्यास ले लेना चाहिए क्योंकि इन लीगों में मिलने वाला पैसा मुझे सुरक्षित रखेगा. 33 वर्षीय खिलाड़ी ने दो साल पहले की घटना को याद करते हुए कहा, ऐसा करना आसान होता, लेकिन मुझे पता था कि पैसे के बावजूद मैं इतनी आसानी से संन्यास लेने के लिए खुद को कोसता.
नायर ने कहा कि मैं फिर कभी भारत के लिए खेलना नहीं छोड़ूंगा. यह सिर्फ़ दो साल पहले की बात है और देखिए हम अब कहां हैं. यह पागलपन है लेकिन अंदर से मुझे पता था कि मैं काफ़ी अच्छा हूं. हाल ही में कैंटरबरी में इंग्लैंड लायंस के खिलाफ इंडिया ए के मैच में शानदार वापसी करने के बाद नायर ने फिर से भारतीय टेस्ट टीम में जगह बनाने के लिए अपना दावा मजबूत कर लिया है. नायर ने लायंस के खिलाफ दोहरा शतक जड़ा जो साल की शुरुआत के बाद से उनका 5वां प्रथम श्रेणी शतक है. इस साल की शुरुआत में उन्होंने विदर्भ को तीन नॉकआउट शतकों के साथ रणजी ट्रॉफी खिताब दिलाने में अहम भूमिका निभाई थी.