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India Daily

WPL 2025 Schedule: 14 फरवरी को आरसीबी से भिड़ेगा गुजरात, मुंबई में 15 मार्च को होगा फाइनल, देखें पूरा शेड्यूल

WPL 2025 Schedule: विमेंस प्रीमियर लीग 2025 का शेड्यूल जारी कर दिया गया है. टूर्नामेंट की शुरुआत 14 फरवरी से होगी, जबकि फाइनल मैच 15 मार्च को खेला जाएगा. इस बार टूर्नामेंट कुल चार शहरों में खेला जाएगा. महिला प्रीमियर लीग 2025 में पांच टीमों के बीच कुल 22 मैच होंगे. 

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Edited By: Sagar Bhardwaj
WPL 2025 Schedule

WPL 2025 Schedule: विमेंस प्रीमियर लीग (WPL) 2025 का शेड्यूल BCCI ने 16 जनवरी को जारी किया. WPL के तीसरा एडिशन का पहला मुकाबला वडोदरा के नए बने बीसीए स्टेडियम में रॉयल चैलेंजर्स बैंगलोर (RCB) और गुजरात जायंट्स (GG) के बीच 14 फरवरी को खेला जाएगा.

चार शहरों में खेले जाएंगे कुल 22 मैच

वडोदरा, बैंगलोर, लखनऊ और मुंबई जैसे चार प्रमुख शहरों में कुल 22 मैच आयोजित होंगे. नॉकआउट मुकाबले और फाइनल मुंबई के प्रतिष्ठित क्रिकेट क्लब ऑफ इंडिया में खेले जाएंगे. वडोदरा के बीसीए स्टेडियम में शुरुआती छह मैच होंगे, जबकि बैंगलोर के एम. चिन्नास्वामी स्टेडियम को सबसे अधिक आठ मुकाबलों की मेजबानी मिली है.

मौजूदा चैंपियन रॉयल चैलेंजर्स बैंगलोर पर सभी की निगाहें
स्मृति मंधाना की अगुआई वाली RCB मौजूदा चैंपियन है और 2024 में दिल्ली कैपिटल्स (DC) को हराकर पहली बार खिताब जीती थी. RCB इस बार भी खिताब बचाने की तैयारी में उतरेगी. दूसरी ओर, दिल्ली कैपिटल्स की कप्तान मेग लैनिंग की टीम भी मजबूत शुरुआत के इरादे से उतरेगी. DC अपने अभियान की शुरुआत 15 फरवरी को वडोदरा में मुंबई इंडियंस के खिलाफ करेगी.

पूरा शेड्यूल
यूपी वॉरियर्ज़, जिसकी कप्तान एलिसा हीली हैं, इस बार अपने पहले खिताब की तलाश में होगी. टीम अपना पहला मुकाबला 16 फरवरी को वडोदरा में गुजरात जायंट्स के खिलाफ खेलेगी. यूपी वॉरियर्ज़ का पहला घरेलू मुकाबला दिल्ली कैपिटल्स के साथ 19 फरवरी को लखनऊ में होगा.

हाई-वोल्टेज मुकाबलों की तैयारी
मुंबई इंडियंस और रॉयल चैलेंजर्स बैंगलोर, जो पहले भी खिताब जीत चुकी हैं, 11 मार्च को लीग चरण के आखिरी मुकाबले में मुंबई के क्रिकेट क्लब ऑफ इंडिया में आमने-सामने होंगी.

मिनी ऑक्शन पर एक नजर

15 दिसंबर को कुल 120 खिलाड़ियों की बोली लगी, जिसमें 91 भारतीय खिलाड़ी और 29 विदेशी खिलाड़ी शामिल थे. विशेष रूप से, इस नीलामी में अधिकांश खिलाड़ी अनकैप्ड थे, क्योंकि भारतीय खिलाड़ियों की सूची में 82 अनकैप्ड खिलाड़ी थे, जबकि विदेशी खिलाड़ियों की सूची में आठ शामिल थे. इस प्रकार कुल 120 में से 90 अनकैप्ड खिलाड़ी हो गए. पांच प्रतिभागी टीमों में से चार ने पहले दो वर्षों में कम से कम एक बार प्लेऑफ़ में जगह बनाई थी, अधिकांश टीमों के पास एक स्थापित कोर था और वे गहराई जोड़ने के लिए अतिरिक्त विकल्पों की तलाश में थीं.