IND W vs SA W: फाइनल मैच का मजा किरकिरा करेगी बारिश! जानें कैसा रहेगा मौसम और कैसी होगी पिच
विमेंस वर्ल्ड कप 2025 का फाइनल मुकाबला भारत और साउथ अफ्रीका के बीच खेला जाना है. ऐसे में आइए जानते हैं कि इस मुकाबले के लिए मौसम कैसा रहने वाला है और पिच कैसी रहेगी?
मुंबई: महिला क्रिकेट के इतिहास में एक नया अध्याय लिखने का मौका है. आईसीसी महिला वनडे विश्व कप 2025 का फाइनल मुकाबला भारत और दक्षिण अफ्रीका के बीच नवंबर 2 को नवी मुंबई के डीवाई पाटिल स्टेडियम में खेला जाएगा.
हरमनप्रीत कौर की कप्तानी वाली भारतीय टीम पहली बार विश्व कप जीतने के सपने को पूरा करने उतरेगी, जबकि दक्षिण अफ्रीका की टीम पहली बार फाइनल में पहुंचकर इतिहास रचने की कोशिश करेगी. आइए जानते हैं कि मौसम कैसा रहेगा, पिच की स्थिति क्या होगी और मैच पर इसका क्या असर पड़ सकता है.
मैच का रोमांच और दोनों टीमों की कहानी
यह फाइनल दोनों टीमों के लिए खास है. भारत ने सेमीफाइनल में ऑस्ट्रेलिया को हराकर फाइनल में जगह बनाई, लेकिन ग्रुप स्टेज में दक्षिण अफ्रीका से हार का दाग भी लगा है.
घरेलू मैदान पर खेलते हुए भारतीय खिलाड़ी दबाव में होंगी लेकिन फैंस का जोरदार समर्थन उन्हें ताकत देगा. दूसरी तरफ लौरा वोल्वार्ट की अगुआई वाली दक्षिण अफ्रीकी टीम आत्मविश्वास से भरी है. वे पहली बार फाइनल में हैं और नई चैंपियन बनने का सपना देख रही हैं.
मुकाबले पर मंडरा रहा बारिश का खतरा
नवी मुंबई में नवंबर की शुरुआत में मौसम आमतौर पर ठंडा और सूखा रहता है लेकिन इस बार बारिश की संभावना मैच को प्रभावित कर सकती है. मौसम विभाग के अनुसार, 2 नवंबर को आसमान में बादल छाए रहेंगे और दोपहर के समय हल्की से मध्यम बारिश हो सकती है. तापमान 28-32 डिग्री सेल्सियस के बीच रहेगा.
अगर बारिश होती है, तो मैच में देरी हो सकती है या ओवर कम किए जा सकते हैं. डकवर्थ-लुईस नियम लागू हो सकता है, जो दोनों टीमों की रणनीति बदल देगा. हालांकि, स्टेडियम में अच्छी ड्रेनेज व्यवस्था है, इसलिए पानी जल्दी साफ हो जाता है.
पिच से किसे मिलेगी मदद?
डीवाई पाटिल स्टेडियम की पिच आमतौर पर बल्लेबाजी के लिए अनुकूल मानी जाती है. यहां की सतह समतल और硬 होती है, जिससे गेंद अच्छी तरह बल्ले पर आती है. टूर्नामेंट के पिछले मैचों में देखा गया कि यहां बड़े स्कोर बने हैं. औसत पहली पारी का स्कोर 250-280 के आसपास रहा है.
फाइनल में पिच पर थोड़ी घास हो सकती है, जो तेज गेंदबाजों को शुरुआती स्विंग देगी. लेकिन जैसे-जैसे मैच आगे बढ़ेगा, स्पिनरों का रोल बढ़ेगा. इस मुकाबले में ओस आने के आसार बहुत कम दिखाई देते हैं.